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જીવનું શુદ્ધ-અશુદ્ધ સ્વરૂપ:
મૌલિક અનંતગુણ, ૮ કર્મ વાદળ અને પ્રકટેલા વિકારો
ऊंचकुल नीचकुल कुम्हार के घडे जैसा
१से ४ अज्ञान-मूर्खता घाती कर्म आँरव पर पट्टी जैसा
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अंधत्व-मूकत्व इन्द्रिय-रवोड निद्रा-थीणद्धि
राजा का द्वारपाल जैसा
ज्ञानावरण
दर्शनावरण
घी मदिरा
अनंत ज्ञान
गोत्रकर्म
अनत
चित्रकार जैसा
अगुरु लघुता
दर्शन
राजा के भण्डारी जैसा
"ल
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अरूपिता
जीव
आदि अनंतवीर्य
क
गति, शरीर, इन्द्रियादि, यश, अपयश, सौभाग्य, दौर्भाग्यादि - वर्णादि
अक्षय
कृपणता-अलाभ दरिद्रता-भोगोपभोग में पराधीनता दुर्बलता
आयुष्य
स्थिति
अव्याबाध सुरव
सम्यगदर्शन वीतरागता
चारित्र
मदिरा जैसा
मोहनीय
वेदनीय
शहद लिपटी असिधारा जैसा
बेडी जैसा
क्रोध मान माया लोभ मिथ्यात्व अविरति कषाय राग-द्वेष
हास्य-रति-भय जुगुप्सा-काम-अरति-शोक शाता-अशाता
५से ८ सुरख-दुःख अघाती कर्म
४
5000