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(या भावाना वायुमंडलमा गुमराह लवली नयी पेऊन अनुशास सिद्धांतोमा व्यवस्थित रखी
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(ड) मैने तेरो पाग अनुशासनले समय शो तथा प्रजेधो लाल पेठ सुध नेपाल तेमल पांसे होष्ट हती
दरखान
कंपननी व्यरमआग सुत संप्रमत्त यगे संयम लपर्नु यासन ईस्पानी साथै प्रलु शासन संघनाल् हय मारे तवेखो तुम्या
शाल
सेवा
सेमना शिष्याहि परिवार पाग गुरुला अर्थने सागर छपानी रहा छ, जसो साधुखो मुद्दा गयला गुरुहरेको गरछ नामले गोम सेवा योमशीन मुनिजनी संख्या तसू सागत वह रह्यो छ.वायलाखो अपरानो, शिजीरो, वारे प्रवृत्तिरतो यांग स्वगुरुदेली रा मुभज सुंदर साल रही र्छ
अलु शासनना भत्यो जगाने प्रगट fim लोमनी यावेनाली पूली मारे शाहपुर खाले मानस मेहिनी स्थापना पाग यही गयी छ, लेखामा सत्याहि दया ही पांग पूजन सामना शेप सार्ट गसरी जाडी छ)
tipule दिषयो पर नानी नाल कसनुसे सरज लाषामा तैयार थाय रुके लेलो लाला प्राप्त व्यलछ विषयाक ज्ञान सरगनाश प्राप्त यद्य राजे तरेत पुण्याह गुरुयनी हरछा मार्ग स्वानो प्रारल मारो शिष्य खास ४ ५ होते प्रशस्य छ सेयम्बोधिलक्य आनंदना षय पं. दिल् या सार शास शंछ सेयम तपला पागा सारा सारांधेा छ
सुज
प्रलापना पाग सुंदर हरो ही सा डायलो तेस्रो सुंदर संरजताको प्राप्त रि खेरनु ४ बाहु पाग बेचनी तरिक ल्युध्यत गुरुध्यनी
नाराधना साथै शासन र
अन्य छायो पाग पूर्ण हरखा प्रयत्लास जने
जले
सहजताले पर
डुमचंद्रसूर
प शुभेच्छा-शुभाशीष, धनतेरस से २०५७
सुरन्द्रनगर