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कर रहे हैं तथा साथ ही जो कुशल सम्पादन-कला-प्रवीण, कलम और मेधा के धनी हैं।
इसकी प्रतिलिपि तैयार करने में सत्यवीर गोयल (हांसी) तथा सुरेन्द्र कुमार मित्तल (हिसार) का श्रम भी मेरे श्रम को बंटाने वाला रहा।
मुझे विश्वास है, पाठक इस संग्रह से लाभान्वित होंगे।
-मुनि नगराज
जैन श्वेताम्बर तेरापंथ भवन हांसी (हरियाणा)