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सिरि भूवलय)
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बच्चों की जिम्मेदारी नहीं स्वीकारते तो मुझे इस कार्य को समाप्त करने में और भी विलंब होता ।
___ इस कार्य को करने में मेरी तीनों बेटिया, मानसा, अपूर्वा और अक्षता ने मेरा भरपूर सहयोग किया है। गृहकार्य में तो किया ही है साथ ही पुस्तक के कुछ पृष्ठों के अक्षर विन्यास में भी सहयोग किया है मैं उन्हें प्यार के साथ धन्यवाद कहती हूँ।
मेरी बेटियों के साथ मैं श्रीमती सरस्वती की बेटी अदिति की भी शुक्र गुजार हूँ उन्होंने ने भी इस कार्य में सहयोग प्रदान किया है। साथ ही श्रीमान सुभाष होटी जी को भी धन्यवाद अर्पित करती हूँ जिन्होंने पुस्तक के कई अंशों को समझने में हमारी मदद की है।
ग्रिड इंडिया में कार्यरत श्रीमती नीलम शर्मा तथा श्री सदानंद जी की मैं आभारी हूँ कि उन्होंने इस कार्य का कार्यभार मुझे सौंपा । ___पुस्तक शक्ति के कर्ता-धर्ता श्री वाय.के.मोहन जी का मैं तहे दिल से शुक्र गुजार हूँ जिन्होंने मुझमें विश्वास दिखाया और इस महान कार्य को करने का भार मुझे सौंपा और लगातार प्रोत्साहित किया साथ ही उनके घर के सभी सदस्यों की भी मैं आभारी हूँ ।
पुस्तक शक्ति के ही से उमेश और श्री आनंद जी को मैं धन्यवाद कहती हूँ जिन्होंने इस पुस्तक के कार्य में लगातार मुझसे संपर्क बनाए रखा और मुझे हर संभव सहयोग प्रदान किया। इनके साथ मैं कुमार जी को भी धन्यवाद कहती हूँ जिन्होंने आवागमन की सुविधा उपलब्ध कराई।
साथ ही सभी परिवारजन और मित्रों का तथा प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से सभी सहयोगियो का आभार मानती हूं।
धन्यवाद सहित
स्वर्ण ज्योति
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