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सिरि भूवलय
___पुस्तक शक्ति ने एक कदम और आगे बढाया। उसने क्षेत्र पर्यटन आरंभ किया । कुमुदेन्दु गुरु के तथाकथित गाँव चिक्क बल्लापुर के नंदी ग्राम के येल्लवल्ली प्रदेश का दौरा कर सूक्त जानकारियाँ संग्रह की और वहाँ के प्रचलित शिलालेखो का विवरण प्रस्तुत किया । गोवर्धन गिरि श्री लक्ष्मी नरसिम्हा स्वामी जी के देवालय के समीति अध्यक्ष सर्व श्री एन. एम. नरसिम्हैय्या, निर्देशक चौडप्पा प्रधान अर्चक बी. शांत कुमार लेख बी.एम. कृष्णा और समस्त ग्राम वासियों ने पुस्तक शक्ति के समूह को यथा संभव सहयोग प्रदान किया । इन सबका पुस्तक शक्ति आभार प्रकट करती है ।
चार खंडो में सिरिभूवलय ग्रंथ को प्रकाशित करने की योजना में प्रथम खंड संशोधकों में साहित्य ह्रदयों में नई रोशनी बिखेरने में समर्थ हो तो पुस्तक शक्ति का श्रम सार्थक होगा ।
सिरिभूवलय के विषय में श्री यल्लप्पा शास्त्री जी श्री कर्ल मंगलम श्रीकंठैय्या जी और श्री अनंत सुब्बाराय जी के साथ पुस्तक शक्ति के द्वारा इस साहस कार्य को जारी रखने की एक प्रक्रिया कही जा सकती है ।
किसी भी प्रयत्न के पृष्ठ भूमि में नैतिक सहयोग न हो तो वह उत्साह कार्य रूप में परिणित नहीं हो सकता ।
इस कार्य के लिए राज्य के प्रख्यात उद्यमी साहित्य पोषक श्री कुतंल आर. अमीन फ़ास्टनर्स एंड इंडस्ट्रीयल काम्पोनेन्ट्स के श्री दीपक शाह और श्री पी. डी. रवीन्द्र जी के सकालिक सहयोग व प्रोत्साह अविस्मरणीय है। साथ ही आवरण पृष्ठ अलंकार के लिए श्री टी. के राव और श्री अनंतस्वामी जी का पुस्तक शक्ति आभार प्रकट करती है। सिरिभूवलय की हस्तप्रति - दिल्ली के राष्ट्रीय पुरातत्व विभाग में
जिस दिन से मैने सिरिभूवलय पुस्तक प्रकटण की योजना को हाथ में लिया उसी दिन से राष्ट्रीय पुरातत्व विभाग से मुलाकात करने की सोची। यह आशा दिन पर दिन बढती गई और कई बार प्रयत्न भी किया था । पिछले सात सालों से इस प्रयत्न का फल नहीं मिला। कारण मुझे किसी भी संस्था, या
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