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सिरि भूवलय
अनुक्रम
प्रकाशक के विचार
अभिव्यक्ति
साहसपूर्ण
अद्भुत और विस्मय पूर्ण सिरिभूवलय
प्रथम संस्करण (कन्नड) शुकामनाएँ अभिप्राय
द्वितीय (कन्नड) संस्करण की प्रस्तावना
ग्रंथप्रति संरक्षक के विचार
प्रथम परिष्करण
नूतन परिष्करण
नूतन परिष्करण की प्रस्तावना
कन्नड का कामधेनु - सिरि भूवलय वस्तु परिचय
सिरि भूवलय संग्रह सारांश
अध्याय- १
अध्याय- २
अध्याय - ३
अध्याय- ४
अध्याय- ५
अध्याय - ६
अध्याय- ७
अध्याय - ८
अनुबंध
पत्रिकाओं में उल्लेख
विद्वानों के अभिप्राय
छाया चित्र
अंक चक्र
अक्षर चक्र
चक्रों को पढ़ने का क्रम
11-19
20-25
26-27
28-35
36-40
41-46
47-55
56-100
101-105
106-132
133-139
140-146
147-159
160-182
183-207
208-232
233-257
258-284
285-314
315-341
342-371
372-422
425-478
479-482
483
484
485-501