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सिरि भूवलय
श्री एच. एस. अच्युत, श्री उमेश जी को और इस कृति के प्रकाशन का भार वहन करने वाले पुस्तक शक्ति के सदस्यों का, सिरि भूवलय फॉउन्डेशन संस्था के समस्त पदाधिकारियों का, मेरे अत्यंत अभिमानी मित्र, देश के प्रसिध्द संशोधक, साहित्यकार, विख्यात विमर्शक बहुज्ञरु बहुभाषा विशारद पंडित श्रृंगार डॉ. टी. वी. वेंकटाचल शास्त्री जी को मेरा अनंतानंत प्रणाम ।
प्रो. सा. शी. मरुळैय्या
गगिणी बेंगलूर ४० १०-२-२००२
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