________________
पाकाचाधी सुमतित्त सारा जनमन लता एकता | पातिग हो यत्र पारा चोणापारी नापनी कार पांचमी। सुमतिवीराधाता जहाना थिर परवा चारा सील तहाची पति राषिनही|| मन चालपंपालार बिग पातिगत यममानी महालाचाबीयप तिवा रातो श्री ज्ञान र हिना स्वामी समाराबालतो ति बिकु समातास साव७०० चाचीजीए पश निवी राधाता तन नही गारा संयमासाय वीरताथा फराताची गत्यमकारच चाणमः नवचन काया रिकीब घडरीक के राडाः जात पंचमतिर बंडी करी। झुंडरीकन: गाजातारा २ चारीत्रशसायवी राधाताणा इहा: चारीत्रापवी राधाता! जी हॐ मी लासस कोनाचा घान जिज्ञनरपा मिलाला 21 डाल प्र मीत्रम श्री मारुजी संसकानाची (घाकडी ।।। तमागेरी ष्पराय नाशिक हे वां निंमलजी त्याशित हे वाघाय||४|मनीवर संयम कर ताबोचा। अस्पा निवादताजी नहीउंज एलगार नूनी स्वरसंयम करता था। चल परी सात महिंदलाजी दीसिवस्तचानक माय सरीषामूनी वरुजी: संयम नही त्यांहीरेष: ६ (नाटकी चानी परिवलीजी ! धरतोनवनव
प्राविमात्रावामाकलाडा विद्यातिग जाय। गा वागयाप एपकराता पीजी। कारीचा नदीलव दिसाबा सकतोक शान रितवीडी चिमाता निमलि (डारपराय||१४|०] ऊघानं दोन पांच (माजी/श्रा राम्रण करिकलपना मन्ययणी) वा गिलाइनीत्यः
रूपा पारनुपाम लवन पोडल हिवोगत्पना कानूनीरूप फेरविराय पिंड फटक स्त्र पर मा शमिव स्तरिधा जी। कालो दी मिपांही ||पन रनिंमूतीम लिडी कराता पापडाल सूनी वरमूलिए एए गयाजी कतरखेादी मालानी/संसकतानीदस्तणां । नाष्पाद प्रकास सकातामकली सही तहानही चाचार : १०० त्रिण रष्यक रिडरमरीधर शाता एसा या १२१: लिसा संयमख क्यावगलूंजी। पातिगनाईयः मिति चमकलीट या शिक्षाह वाहांम लिडी । त्या त्यारिमा गारिघायः सेतुगीन र निमे लिजी तवरुद्रः दर्शितदत्र सोयत्र पक्षपाताजी मडिटी का सूत्र
माय चाष्टगारवातकरित्या हां समकीत नाहीय। १६ मृणमय माल घी लग्घायाजी बुडविनीरधास मकानेपा मिवगी पोचिवर्षसार १७ माघ की नाही मिस ही जी। रगत्य ट्रैक डाघाया। पदमां
३६
४९४