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________________ स Q ताराराधरमिंधरा चारा की वयावादक साम्राकर ने तमनात्यातल्यगनरः धरित बिसिसोध्यानी जूरिफलासह माजायज दस बाज वयाच्ची। पर लगबा बल घायल माल तुमा हि धात संघा तिता ति त्यात्या हि६५ हवया फलका बलमबय कारात्पपा माओदाली कर्मकाचा नाषणचा शिता दया वचारारादविपरीष्णा बकपत हमनवा हि साल दसीसा (साक. प्रवासामला गड़ी। कही परिमन नालात ऐसा भूतम वीचारानंद चाण तजाति नही नसरूप लगाए। बदनवक कालदना (स्पातलखाक भरो कर्मशगंगादी बाधिन्याला कमा नदीवर्धन कारावासी नंदा भी इसे नीर वामना पाता ज्ञान हाना! मलहइतरातह नंदानं हा ना तूर पीनी माल घरिजाति घरमा काम करिनर नीचा दिना तरी का लेगम 725: ०६ अनुकरमियोवनात पाम्यो: नंदा हा प्राणी ग्रहण कान कशित हाराह्याऊ चारीतः २० हा मानक घरमा हिप लिप्तदेषामनघाय पनिहनि कानवरिनारी॥ तर्वेस सबल कषायि उता केषरता जाएगी | मार्चला ल्यावानत्री परगाव ऊं नमनावाचा ए नंदूषणहराष्णामनमा हि आयात गत्या हिसि मा माननी मान लाकरी। बिनाबिवली या हिं वानिवचनाबल्यात गिमि भूजवराम्या कन्य यः ग्पतिवाष ऊंप इंऊंपावर : सायली जहाधः कश्रावचनपम्यांनी कानि विनिश्वमापतत एव सशिव चाक कार पिं नर्गन मिनर को या धा वितका काम साइसेसार::::मनीवर हिममरिबाच्या राजावा हा लीक 'नाच लिसंयमड्यमसुदवता बावी तलवार ६'मनी वचनमनमा हिंडा ग्या) लाएगा त्या हाप ताबाधापेचमा हातचं गिरता करता चंडी राध: : चारचतीगृहिमनहीधराता लऊं स्पधात चाह रवि कुमराक दिसूजन पर रूपही ग ग्वातापनारी ग मा जुड़ा। जय हितानुं । वली पाहवा परबतऊं परिणा गिनी मलीचा बाला व्यानर त्या हि हत्याओं नंदाषण कालविषम्रजन विपरीन ४७८
SR No.023245
Book TitleSamattam
Original Sutra AuthorN/A
AuthorBhanuben Satra
PublisherAjaramar Jain Seva Sangh
Publication Year2010
Total Pages542
LanguageGujarati
ClassificationBook_Gujarati
File Size17 MB
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