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ग्रन्थ की विशद प्रस्तावना आचार्य श्री शम्भुदयाल पाण्डेय, जोधपुर ने सुन्दर लिखी है ।
इस ग्रन्थ के स्वच्छ, शुद्ध एवं निर्दोष प्रकाशन का कार्य डॉ. चेतनप्रकाश पाटनी की देख-रेख में सम्पन्न हुया है।
पूज्यपाद प्राचार्य म. सा. की आज्ञानुसार हमारे प्रेस सम्बन्धी प्रकाशन-कार्य में पूर्ण सहकार देने वाले जोधपुरनिवासी श्री सुखपालजी भंडारी, संघवी श्री गुरदयालचन्दजी भंडारी, श्री मंगल चन्दजी गोलिया, श्री मोतीलालजी पारेख तथा श्रीप्रकाशचन्दजी बाफरणा आदि सभी धन्यवाद के पात्र हैं।
सिरोहीनिवासी श्री नैनमलजी सुराणा तथा नवयुवक विधिकारक श्री मनोजकुमार बाबूमलजी हरण, एम. कॉम इत्यादि ने भी इस विशिष्ट ग्रन्थ को शीघ्र प्रकाशित करने की प्रेरणा की है।
इन सभी का हम हार्दिक आभार मानते हैं ।