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हे प्रकाशकीय निवेदन है creaseeeeeeeees
श्रीसाहित्यरत्न-मञ्जूषा' इस नाम से समलंकृत साहित्यविषयक यह ग्रन्थ 'प्राचार्यश्री सुशीलसूरि जैनज्ञानमन्दिर' की ओर से प्रकाशित करते हुए हमें अति आनंद हो रहा है।
- इस ग्रन्थ के प्रणेता परम पूज्य शासनसम्राट् समुदाय के सुप्रसिद्ध जैनधर्मदिवाकर-शासनरत्न-तीर्थप्रभावक-राजस्थानदीपक-मरुधरदेशोद्धारक-शास्त्रविशारद-साहित्यरत्न - कविभूषण-बालब्रह्मचारी पूज्यपाद आचार्य भगवन्त श्रीमद् विजय सुशीलसूरीश्वरजी म. सा. हैं । - आप पर आज भी आपके स्वर्गीय परम पूज्य परम गुरुदेव श्रीमद् विजय नेमिसूरीश्वरजी म. सा. और स्वर्गीय परम पूज्य प्रगुरुदेव श्रीमद् विजय लावण्यसूरीश्वरजी म. सा. अदृश्य रूपे आशीर्वाद बरसा रहे हैं । ऐसे नित्यपंच