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अन्वयः - ह ह ! [हे शूर !] (त्वम्) इहहम् [गर्वगजकेसरिणम् हहहम्
[सुरालयसुखवद्राज्यादेस्त्यक्तारम् हम् [ईश्वरम् हहम् [अनगारम्] हहम् [तुरङ्गमगमनम्] हहहम् [दारुणकन्दर्पनिवारकम्] हम् [वीरम् हम् भासुरम्] हहम् [हास्यशून्यम् हहम् [संपूर्णसुखिनम्] हम् [पापहरणम्] वीरम् [श्रीमहावीरस्वामिनम्] सर्वदा [सदैव] उपास्स्व [वरिवस्य ह [पादपूर्ती ।
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जिनेन्द्रस्तोत्रम्