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रुचिरा श्रेष्ठ भाग्यवाले, शीर्ष पे मद के मुकुट का अभाववाले (मदशून्य), ईश्वर, सूर्य मंडल सम प्रभावाले, रोग रूपी अग्नि को उपशांत करने में नीर तुल्य, इन्द्र द्वारा पूज्य, अभिमान रहित, सरल, नायक, शुभ मेरे श्री शांतिनाथ भगवान की में पूजा करता हूँ ॥१८।।
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जिनेन्द्रस्तोत्रम्