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आदिनाथ-चरित्र
प्रथम पर्व समान प्रव्रज्या को चौदह लाख पूर्व तक पालन किया। पीछे वे छहों धीरमुनि दोनों प्रकार की संलेखना-पूर्वक पादोपगमन अनशन अंगीकार करके, सर्वार्थ सिद्धि नाम के पांचवें अनुत्तर विमान में, तेतीस सागरोपम आयुवाले देवता हुए।
ज्ञानल २,
(વિજયનેમિક
બનેસિસેરો
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प्रथम सर्ग समाप्त