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आदिनाथ चरित्र
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TALALI
इस के बाद उन्होंने मुनि के प्रत्येक अंग में लक्षपाक तैल की मालिश की, जिस तरह क्यारी का जल बाग में फैल जाता है ; उस तरह वह तेल उनकी नस-नस मे फैल गया । उस तेल के अत्यन्त उष्णवीर्य होने के कारण मुनि बेहोश होगये ।
[पृष्ठ १०७]