SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 5
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ श्रीप्रश्नोत्तरप्रदीपग्रन्थानुक्रमणिका. प्रथमःप्रकाशः mar ar ar .... प्रश्नाङ्क. पृष्टाङ्क १ श्रीजैनमतमांजने देव मानेल छे ते श्रीअर्हन्देव केवा छे ? १ २ उक्तश्री अहंन्देवे केटलां कर्मो कहेला छे ? .... १ ३ कोनो नाश थवाथी मोक्ष थाय अने ते केवो थाय ते कहो २ ४ उपरना प्रश्नोत्तरमा प्रदर्शित जे मोक्ष तेनां नाम दर्शावो. ५ मोक्ष पामवानो उपाय कयो ते कहो .... .... ६ सम्यग्ज्ञान, दर्शन, चारित्रनुं किश्चित्स्वरूप बतावो. ७ भवान्तरमां सद्गति कोनी थायछे ? ८ कया माणसनो जन्म सफळ थायछे ? .... ९ देवांशी माणस कोण जाणवो ? .... ४ १० गृहस्थोने हमेशां छ कार्यो करवानां कयां ...... ११ जैनसाधुओ जे भावरूप आठ उत्तम पुष्पोए करी श्रीदेवा घिदेवनी निरवद्य पूजा करेछे ते आठ पुष्पो कयां ? .... ५ १२ कोइ गुरुमहाराजे दंडप्रहारे मार्यो थको कोइ शिष्य तत्काल केवळज्ञानने पाम्यो छे? .... .... १३ तीर्थयात्रा समये विवेकी पुण्यात्मा माणस केवो होय १४ आ जगतमां कया पांच शकारो दुर्लभ जाणवा .... ६ १५ पूछवा लायक कोण? १६ पण्डित कोने कहीए ? .... १७ श्रीजिनभवन बंधाववा कयो माणस अधिकारी छे ? .... १८ अन्यायथी उपार्जन करेलु द्रव्य क्यांसुधी रहेछे ? .... ९ » » »r sur or 9 v
SR No.023171
Book TitleTrigranth Samuchhay Prashnottar Pradip Paryushanashthnika Vyakhyan Panchjin Stuti
Original Sutra AuthorN/A
AuthorLakshmivijay
PublisherBhogilal Kalidas Shah
Publication Year1909
Total Pages250
LanguageSanskrit, Hindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size13 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy