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________________ २२६ सोमसेनभट्टारकविरचितपीडायामद्भुते जृम्मे स्वेष्टार्थप्रक्रमे क्षुते । शयनोत्थानयोः पादस्खलने संस्मरेज्जिनम् ॥ १४६॥ किसी तरहकी पीड़ा होनेपर, विचित्र अँभाई-उबासीके आनेपर, उत्तम कार्य करनेका प्रारंभ करनेमें छींक आनेपर, सोने, उठने तथा पैरके लड़खड़ा जाने या धक्का लग जानेपर जिनदेवका स्मरण करे ॥ १४६ ॥ अश्रद्धेयमसत्यं च परनिन्दात्मशंसने । मध्येसमं न भाषेत कल्युत्पादवचः सदा ॥ १४७ ॥ अर्थनाशं मनस्तापं गृहदुश्चरितानि च । मानापमानयोवाक्यं न वाच्यं धृतसन्निधौ ॥ १४८ ॥ पुरुष सभाओंमें तथा अन्यत्र ऐसे वचन न बोले, जिससे दूसरे लोग अपना विश्वास न करें। झूठ न बोले, अपनी प्रशंसा और दूसरोंकी निन्दा न करे, तथा कलहकारी वचन न बोले । अपने दव्यकी हानि, मनका संताप, घरके दुश्चरित्र और मान अपमानके वचन धूर्त लोगोंके सामने न कहे ॥ १४७-१४८ ॥ सम्पत्तौ च विपत्तौ च समचित्तः सदा भवेत् ।। स्तोकं कालोचितं ब्रूयाद्वचः सर्वहितं प्रियम् ॥ १४९ ॥ न्यायमाग सदा रक्तचोरबुद्धिविवर्जितः । अन्यस्य चात्मनः शत्रु भावात्मकाशयेन हि ॥ १५० ॥ सम्पत्ति और विपत्तिमें सदा समचित्त रहे, समयके अनुकूल थोड़ा प्रिय और हितकारी वचन बोले, हमेशह नीतिपर डटा रहे, चोरी करनेके परिणाम कभी न करे, और अपने तथा परके शत्रुका प्रकाशन न करे ॥ १४९-१५०॥ वैराग्यभावनाचित्तो धर्मादेशवचो वदेत् । लोकाकूतं समालोच्य चरेत्तदनुसारतः ॥ १५१॥ सत्त्वे मैत्री गुणे हषः समता दुजेनेतरे। कायोथे गम्यते तस्य गेहं नोचेत्कदा च न ॥ १५२ ॥ निरन्तर वैराग्यभावनामें लौ लगाये रहे, धर्मोपदेशी वचन बोले, लोगोंके विचारोंको अच्छी तरह समझ-बूझकर उनके अनुसार आचरण करे, संसारभरके प्राणियोंपर मित्रभाव रस्खे, गुणी जनोंको देखकर हर्ष प्रकट करे, दुर्जन और सजन पर सम भाव रक्खे, और कार्यके निमित्त ही दूसरेके घरपर जावे अर्थात् बिना कार्यके दूसरेके घर कभी न जावे ॥ १५१-५२॥ हिंसापापकरं वाक्यं शास्त्रं वा नैव जल्पयेत् । द्रोहस्य चिन्तनं वापि कस्यापि चिन्तयेन हि ॥ १५३ ॥ . जिन चनोंके बोलनेसे हिंसा-पाप हो वैसे वचन कभी न बोले और न ऐसा शास्त्र किसीको सुनावे । तथा कहीं पर भी किसीके बैरकी चिन्तना न करे ॥ १५३ ॥
SR No.023170
Book TitleTraivarnikachar
Original Sutra AuthorN/A
AuthorSomsen Bhattarak, Pannalal Soni
PublisherJain Sahitya Prasarak Karyalay
Publication Year1924
Total Pages440
LanguageSanskrit, Hindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size36 MB
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