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________________ ( ११२ ) मत्स्यांडप्रविभक्ति (मत्स्व के अंडेकी रचना ), करमाडप्रविभक्ति, जारमारप्रविभक्ति यह मत्स्यांडादिप्रविभक्तिनामक चौदहवां भेद है [ १४ ] | कखगङप्रविभक्ति यह पन्द्रहवां भेद । [१५] चछजझञप्रविभक्ति यह सोलहवां भेद [ १६ ] टठडढणप्रविभक्ति यह सत्रहवां भेद, [ १७ ] तथदधनप्रविभक्ति यह अड्डारहवां भेद [ १ ] पफबभमप्रविभक्ति यह उन्नीसवां [१९] अशोकपल्लवप्रविभक्ति (आसापालवकी रचना ), आम्रपल्लवप्रविभक्ति ( आम के पत्तेकी रचना ), जम्बू पल्लवप्रविभक्ति, कोशांपल्लवप्रविभक्ति, यह पल्लवप्रविभक्तिनामक वीसवां भेद [२०] पद्मलताप्रविभक्ति, नागलताप्रविभक्ति, अशोकलताप्रविभक्ति, चंपकलताप्रविभक्ति, आम्रलताप्रविभक्ति, वनलताप्रविभक्ति, कुंदलताप्रविभक्ति, अतिमुक्तलताप्रविभक्ति और श्यामलताविभक्ति यह लताप्रविभक्तिनामक एकवीसवां भेद [२१] द्रुतनृत्य ( उतावला नाच ) यह बावीसवां भेद [ २२ ] विलंबितनृत्य ( धीरे नांचना ) यह तेवीसवां भेद [२३] द्रुतविलंबितनृत्य यह चौवीसवां भेद [२४] अचितनृत्य नामक पच्चीसवां भेद [ २५ ] रिभितनृत्यनामक छब्बीसवां भेद [२६] अंचितरिभिदनृत्यनामक सत्तावीसवां भेद [२७] आरभटनृत्यनामक अट्ठावीसवां भेद [२८]भसोलनृत्यनामक उन्तीसवां भेद [२९] आरभटभसोलनृत्यनामक तीसवां भेद [३०] उत्पात ( ऊंचा चढना ) निपात ( नीचे पडना ) प्रसक्त ( अटकना ), संकुचित ( अंग
SR No.023155
Book TitleShraddh Vidhi Hindi Bhashantar
Original Sutra AuthorN/A
AuthorRatnashekharsuri
PublisherJainamrut Samiti
Publication Year1930
Total Pages820
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size15 MB
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