SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 20
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ ( १७ ) विषयांक. विषय का नाम. २१५ आलोयणा किस प्रकार लेना उसका स्वरूप. २१६ आलोयणा लेनेवालेके दश दोषों का स्वरूप. २१७ सम्यक्प्रकारसे आलोयणा करनेवालेके गुण. २१८ भलीभाँति आलोयणा न करने पर लक्ष्मणासाध्वीकी कथा. जन्मकृत्य प्रकाश ६. २१९ रहनेका स्थान कैसा चाहिये ? उसका स्वरूप. २२० कुप्राममें रहने से हानि ऊपर एक वणिक्रका डांत २२१ रहनेका घर कैसा होना चाहिये ? उसका स्वरूप. २२२ बुरे पडौसी से होनेवाली हानि, शांक. ७२२ ७२५ ७२७ २२७ घर करने संबंधी विचार २२८ घर में चित्रादि कैसे शेना चाहिये उसका स्वरूप. २२९ घरमें वृक्षोंसे होनेवाले शुभाशुभ फलका स्वरूप. २३० घर बंधवाने के नियम २३१ कैसे घर में रहना उसका स्वरूप. ७२९ ७३३ ७३५ ७३.६ ७३.७ ३८ २२३ भूमि की परीक्षा. २२४ भूमिमेंसे निकले हुए शल्यका कुछ, ७३८ २२५ सुख शांति के लिये त्यागने तथा ध्यान में रखने के नियम ७३९ २२६ घर बनवाने में जिनमंदिरकी वस्तु अपड़ा जाने हुई हानिके विषय में वणिककान्त ७४० ७७४१ ७४२ ७४३
SR No.023155
Book TitleShraddh Vidhi Hindi Bhashantar
Original Sutra AuthorN/A
AuthorRatnashekharsuri
PublisherJainamrut Samiti
Publication Year1930
Total Pages820
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size15 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy