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________________ योग-प्रयोग-अयोग/१२३ विशालता, संयम की सार्थकता, संकल्प शक्ति की सुदृढ़ता, चित्त की शान्तता तथा एकाग्रता की सम्पदा नितांत आवश्यक है ऐसी स्थिति में ही ज्ञान की प्राप्ति होती है। इस प्रकार जीव ज्ञान से पदार्थों को जानता है। दर्शन से श्रद्धा करता है। चारित्र से निग्रह करता है और तप से शुद्ध होता है । १० वैज्ञानिक दृष्टि से हमारे शरीर में जो पिनियल और पिच्युटरी दो ग्लेण्डस है। इनके द्वारा हमारा ज्ञान विकसित होता रहता है। इन्हीं दोनों ग्लेण्ड्स से चेतना का ऊर्वीकरण होता है। जिस चेतना में शक्ति के साक्षात्कार की क्षमता आती है उस चेतना का नाम है ज्ञान। ज्ञान स्वयं साक्षात् अनुभव है। वह इन्द्रियातीत है, बुद्धि से पर है, अलौकिक फलश्रुति है। जे आया से विण्णाया जे विण्णाया से आया । जेण विजाणति से आयो। जो आत्मा है, वह विज्ञाता है जो विज्ञाता है वह आत्मा है, क्योंकि मति आदि ज्ञानों से आत्मा स्व पर को जानता है। ज्ञान योग का फल "ज्ञानस्य फलमं विरति" ज्ञान का फल विरति है। विरति अर्थात् व्रत नियम । अज्ञान टूटते ही सम्यक् ज्ञान की प्राप्ति होती है। सम्यक ज्ञान प्राप्त होते ही व्रत नियम की आराधना होती है। इस प्रकार णाणेन विजानहंति चरण गुणा'ज्ञान विहीन कोई भी क्रिया कांड-तप-जप की सिद्धि नहीं हो सकती। ज्ञान दो स्वरूप में फलित होता है-१. बुद्धि, और, २. अनुभव । बुद्धि का काम है तर्क करना और अनुभव की प्राप्ति का कार्य है ध्यान और संयम। जो अनुभव के गर्त में डुबकी लगाता है, गोता खाता है वही जानता है कि ध्यान क्या है, संयम क्या है ? जो केवल तर्क करता है समुद्र के तट पर खड़ा रहकर केवल अनुभव शब्द का उपदेश देता है वह क्या जाने भीतर में क्या है। हमारा ज्ञान बाहरी स्वरूप तक सीमित रहा है अतः बौद्धिक फल जरूर पाता है। किन्तु भीतर का ज्ञान सम्यक् ज्ञान है और उसका फल कैव.न्य ज्ञान है। ज्ञान से स्व स्वरूप का बोध और यौगिक पर्यायों का परिवर्तन होता है। स्व स्वरूप का बोध और यौगिक पर्यायों के परिवर्तन से ज्ञानी ज्ञान दर्शन का अनुभव - ९. विंशतिविंशिका १, गाथा १७-२० १०. उत्तराध्ययन २८/३५ ११. आचारांग-अध्य. ५, उद्दे. ६, सू. १७१ १२. उत्तराध्ययन २८/३१
SR No.023147
Book TitleYog Prayog Ayog
Original Sutra AuthorN/A
AuthorMuktiprabhashreeji
PublisherPrakrit Bharti Academy
Publication Year1993
Total Pages314
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size20 MB
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