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11. वही, 12.2 12. 'अहं णं देवाणन्दाए माहणीए अत्तए' - व्या. सू., 9.33.14 13. 'पाउस-वरिसारत्तेसु णं एत्थ णं वणस्सतिकाइया
सव्वमहाहारगा भवंति - व्या. सू., 7.3.1 14. वही, 16.8.15 15. वही, 15.1.87 16. वही, 9.32 17. वही, 16.6.20 18. व्या. सू. (भाग-1), प्रस्तावना, पृ. 18
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भगवतीसूत्र का दार्शनिक परिशीलन