________________
96
68, 69
80
गंध
119 77 226, 254 266 232, 233 46, 202, 209 106 108 60
70
195 95
97
उत्सर्पिणी उदायन उदीरणा उद्वर्तना उपमान उपयोग उपयोग-आत्मा उरपरिसर्प ऊर्ध्वलोक ऋषभदेव ऐर्यापथिक बंध ओघादेश औदयिक औपशमिक कर्म कर्मनिषेककाल कर्मप्रकृति कर्मबंध 282 कषाय-आत्मा कांक्षामोहनीय कर्म कान्दर्पिक कायक्लेश काल द्रव्य कालास्यवेशी क्रिया क्रियावादी क्रियावान कुलकर कुशील केवलज्ञान क्षायिक
क्षायोपशमिक 46, 47 क्षेत्रलोक 286
क्षेत्रवान 286 170, 171 गुण 86, 88 गुणरत्नसंवत्सर 96
गुणवत 108
गुप्ति गोशालक
चतुरिन्द्रिय 283
चतुष्पद चारणलब्धि
चारित्र-आत्मा 95
चारित्र आराधना 277, 278 चेतन 291
चेदा 290
जमालि 279, 280, जयन्ती
जलचर 96
जागरिका 43, 292-294 जीव 212
ज्ञाताधर्मकथा 245
ज्ञान 147-153 ज्ञानआत्मा 48
ज्ञान आराधना 43, 284 ज्ञान-विभाजन 213 80
तामली तापस 4, 50 तियग्लोक 258
तीन अज्ञान 164
तीर्थंकर 96 ..
तेजकायिक
230, 231 80, 86 87 45, 201, 202 48 108 274 86, 87, 94 22 159
96 229 160-163 22, 238, 239
तप
49
69
165 3, 50
102
शब्दानुक्रमणिका
309