SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 287
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ 60. 50. वही, 3.1, 3.2 51. 'धम्मस्स विणओ मूलं' – दशवैकालिक, 9.2.2 52. स्थानांगसूत्र, मुनि मधुकर, 5.1.44-45, पृ. 462 53. वही, 8.111, पृ. 654 54. वही, 5.3.223, पृ. 526 55. सज्झाए वा निउत्तेणं सव्वदुक्खविमोक्खणे- उत्तराध्ययन, 26.10 56. स्थानांग, मुनि मधुकर, 5.3.220 पृ. 525 57. तत्त्वार्थसूत्र, 9.27 58. जैन आचार सिद्धान्त और स्वरूप, पृ. 593 59. 'कायस्स विउस्सग्गो छट्ठो सो परिकित्तिओ'- उत्तराध्ययन, 30.36 __ तत्त्वार्थराजवार्तिक, 9.26.10 61. आवश्यकनियुक्ति, 1552 व्या. सू., 8.8.24 'मार्गाऽच्यवननिर्जरार्थ परिसोढव्याः परीषहाः' - तत्त्वार्थसूत्र, 9.8 उत्तराध्ययन, 31.5 65. उत्तराध्ययन, अध्ययन 2 66. समवायांग, मुनि, मधुकर 22.150, पृ. 85 67. व्या. सू., 8.8.25-29 68. वही, 2.1.40-42 दशाश्रुतस्कन्ध, सातवींदशा जैन आचार सिद्धान्त और स्वरूप, पृ. 480 व्या. सू., 2.1.43-44 ___ 'जीवेम शरद शतं'- यजुर्वेद, 26.244 'सव्वेसिं सत्ताणं अस्सातं अपरिनिव्वाणं महब्भयं दुक्खं ति बेमि'- आचारांग, मुनि मधुकर, 1.1.6.49 पृ. 28 74. सूत्रकृतांग, 'वेयालिय', अध्ययन 2 गा. 2 75. समवायांग, मुनि कन्हैयालाल कमल, 17.9 व्या. सू., 13.7.23 77. भगवतीवृत्ति, अभयदेव, पत्रांक 625 78. व्या.सू., 2.1.25-30 79. वही, 2.1.48-51 80. वही, 25.6 81. वही, 25.7 70. 71. श्रमणाचार 261
SR No.023140
Book TitleBhagwati Sutra Ka Darshanik Parishilan
Original Sutra AuthorN/A
AuthorTara Daga
PublisherPrakrit Bharti Academy
Publication Year2012
Total Pages340
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size26 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy