________________
પંચમાંગ શ્રી ભગવતીસૂત્રનો પરિચય ('श्री छैन. प्रवयन. 8२७ul' - ६8L AtAwill)
.. - as : श्री. वार
. ॥ आर्या ॥ . अहुणा छठ्ठपयासे, वण्णिज्जइ परिचओ भगवईए ॥ जहजोगं सारंपि य, वुच्छं सुत्ताइवयणेहिं ॥ ३२ ॥ समवायंगे वुत्तं, वित्तंतं भगवईई नंदीए ॥ सारक्खाणावसरे, दुवालसंगीइ संखेवा ॥ ३३ ॥ सपरोभयसमयाणं, जीवाजीवाण लोयलोयाणं ॥ वण्णणममराईहिं, कयपण्हाणं जिणुत्ताई ॥ ३४ ॥ वागरणाइ विसेसा, दव्वाइ पयासगाइ विविहाई ॥ संसारंबुहितारण-- पच्चलदढपोयसरिसाइं ॥ ३५ ॥ भव्वाभिणंदियाई, तमरयविद्धंसणाइ मइयाई ॥ सीसहियत्थसुयत्था, उवइट्ठा पंचमंगम्मि ॥ ३६ ॥ संखेज्जसिलोगाई, एगे पण्णाविओ सुयक्खंधे ॥ साहियमज्झयणसयं, दसउद्देसगसहस्साई ॥ ३७ ॥ छत्तीस सहस्साई, वागरणाणं दिसिद्रुतत्ताणं ॥ इगयालीससयाई, दुगुणपयाई चउत्थंगा ॥ ३८ ॥ अंगस्सेयस्सत्था, कहिया दस वट्टमाणवित्तीए ॥ गोयमपुच्छियपण्हा, बहुप्पमाणा तहण्णेसिं ॥ ३९ ॥ सिरिअग्गिभूइपमुहा, रोहजयंती. तहा अजइणावि ॥ पण्हविहायगभविया, सिरिवीरचरित्तवयणाइं ॥ ४० ॥ देवाणंदाईणं, दिक्खा मोक्खा जिणेहिं पण्णत्ता ॥ सुरभासा कडजुम्मा इ जमालिचरित्तगोसाला ॥ ४१ ॥ सिरिखंदगाइ चरिया, महासिलाकंटगस्स वुत्तंतं ॥ .
राहुग्गहनामाइं जत्ता जवणिज्ज वाबाहा ॥ ४२ ॥ શ્રી ભગવતીસૂત્ર-વંદના