________________
324 • जैन आगम : इतिहास एवं संस्कृति ऋषभदत्त, 253, 254
करणानुयोग, 23 ऋषभदेव, 29, 53, 54, केशधारी ऋष- करीक्रत, 55
भदेव 56-60, 100, 154-156, कर्क, 154, 273
236, 237, 240, 249, 276, 283 कलिंग, 244, 270, 271 ऋषभपुर, 146, 147
कलियद्वीप, 293 ऋषि मण्डल प्रकरण, 36
कल्पसूत्र, 6, 22, 53, 85, 92, 98, ऋष्यशृंग, 55
99, 104, 111, 152, 154-157, 162, 167, 168, 170, 229, 238,
240, 241, 250, 252-254, 260एकादश अंग, 13
262, 277-279, 281, 282, 289, एतश, 55
290, 294, 296, 302, 303,305, एथेंस, 264
307, 308-311. एपिग्राफिका इण्डिका, 38, 39, 170 कल्पसूत्रवृत्ति, 111
कल्पावतंसिका, 22
कल्पिका, 22 ऐतरेय ब्राह्मण, 51, 91, 93, 267, 279 कल्याणविजय, 3, 4, 5, 37
कवष ऐलूष, 52
कषाय कुशील, 62 ओघनियुक्ति 12, 22, 108, 157 कसाय पाहुड, 41, 42 ओघ समाचारी, 164
काकदेश, 307 ओवाइयसूत्र, 95, 277
काकुस्थ, 280 काठक संहिता, 251
कात्यायन, 58 औपपातिक, 22, 45, 90, 95, 227, काम, 285 254, 305, 308
काम्पिल्य, 270, 284 काम्बल, 150, 151
कार्तिकेय, 214, 234 कच्छवी, 9
कार्थेज, 264 कण्व, 36
काल, 88 कथाकोष,2
कालकाचार्य, 21 कथावली, 37, 46
कालास्यवैशिक, 102 कनकश्री, 156-160
काली, 103 कपिल, 34, 161
काशव, 240 कपिलवस्तु, 119, 247
काशी, 259-263, 270, 282 कमलावती, 275, 284
किन्नर, 86, 292 कम्बोज, 259, 277, 295
कुटक, 100 करकण्डु, 169, 270
कुटकांचल पर्वत, 53, 155