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आर्थिक दशा एवं अर्थव्यवस्था • 311
301. उत्तराध्ययन, 19/64,22/6। 302. वही, 14/351 303. कल्पसूत्र, 1/4/631 304. वही, पृ० 2371 305. उत्तराध्ययन, 14/35: 19/641 306. सूत्रकृतांग, 2/2/631 307. वही, 1/6/1/121 308. उत्तराध्ययन, 36/1811 309. सूत्रकृतांग, 2/3/24: जैकोबी की टिप्पणी नं0 4, पृ० 394 एस०बी०ई०। 310. ठाणं, लाडनूं संस्करण, 4/288 पृ० 365 : निशीथसूत्र, 1/61 311. सूत्रकृतांग, 1/2/5/1641 312. वही, तुल० दशवैकालिक, 5/1/971 313. आयारो, 1/2/18: तुल० उत्तराध्ययन, 30/261 314. उत्तराध्ययन, 13/18: 12/43-44: 17/151 315. वही,7/7:19/69-70: सूत्रकृतांग 2/2/72। 316. उत्तराध्ययन, 34/15, 191 317. आचारांग एस०बी०ई० 2/1/5/41 318. वही। 319. वही। 320. वही, 2/1/2/5 पृ० 931 321. उत्तराध्ययन, 34/151 322. वही। 323. भेड़िये के मांस से बना मटन, उत्तराध्ययन, 7/3। 324. आयारो, 9/4/41 325. वही, 9/4/131 326. वही, 12/43-441 327. सूत्रकृतांग, 2/2/72 : 2/3/21। 328. उत्तराध्ययन, 15/131 329. वही, 36/96: सूत्रकृतांग, 1/2/1/61 330. आचारांग, 2/7/2/6 पृ० 1751 331. उत्तराध्ययन, 34/151 332. सूत्रकृतांग, 2/1/551 333. आचारांग, 2/7/2/61 334. उत्तराध्ययन, 34/191 335. वही, 15/131 336. वही। 337. सूत्रकृतांग, 1/4/2/12। 338. उत्तराध्ययन, 19/34/141 339. वही, द्र० कल्पसूत्र, 9/171 340. संखण्डयन्ते विराधयन्ते प्राणिनो यत्र सा संखडि-अर्थात् जहां अनेक जीवों के प्राणों का