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॥ श्री वासुपूज्यस्वामिने नमः ॥ ॥ पू. लब्धि-भुवन-भद्रंकरसूरि गुरुभ्यो नमः ॥
नमो नमो नाणदीवायरस्स
ॐकारतीर्थ स्थापक, सूरिमंत्र आराधक, दक्षिणभूषण, पू. आचार्य श्रीमद्विजय पुण्यानंदसूरीश्वरजी म.सा. आदिठाणा-५
तथा
पू. साध्वीवर्या कल्पनंदिताश्रीजी आदिठाणा-४नी
पावननिश्रामां ज्ञाननी आराधना निमित्ते ज्ञानद्रव्यनो कीधो सद्उपयोग...
जीवनमां वधार्यो शुभउपयोग...
अनुमोदना... श्री राजस्थानी जैन श्वेताम्बर मूर्तिपूजक संघ
बावने गली, इचलकरंजी श्री राजस्थानी जैन श्राविका संघनी
ज्ञानद्रव्यनी उपजमांथी अनुमोदनीय सहयोग...