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________________ ' ण, णं पाठ - 12 (चालू) इकारान्त, उकारान्त पुंलिंग तथा नपुंसकलिंग नाम चउत्थी, पंचमी और छठी विभक्ति प्रत्यय __(३/२३, ८, ९, १०,६) एकवचन बहुवचन | णो, स्स ण, णं णो, त्तो, ओ, उ, हिन्तो | तो, ओ, उ, हिन्तो, सुन्तो णो, स्स रूप मुणि (मुनि) मुणिणो, मुणिस्स | मुणीण, मुणीणं मुणिणो, मुणित्तो, मुणीओ, मुणित्तो, मुणीओ, मुणीउ मुणीउ, मुणीहिन्तो मुणीहिन्तो, मुणीसुन्तो मुणिणो, मुणिस्स मुणीण, मुणीणं साहु (साधु) साहुणो, साहुस्स साहूण, साहूणं साहुणो, साहुत्तो, साहूओ, साहुत्तो, साहूओ, साहूउ साहूउ, साहूहिन्तो . साहूहिन्तो, साहूसुन्तो साहुणो, साहूस्स साहूण, साहूणं . दहि (दधि) दहिणो, दहिस्स, दहीण, दहीणं दहिणो, दहितो, दहीओ, दहितो, दहीओ, दहीउ, दहीउ, दहीहिन्तो दहीहिन्तो, दहीसुन्तो दहिणो, दहिस्स दहीण, दहीणं " लाइक्स चतुर्थी एकवचन संस्कृत अनुसार मुणये (मुनये), साहवे (साधवे), वारिणे (वारिणे), महुणे (मधुने) आदि रूप भी होते हैं । - ६४
SR No.023125
Book TitleAao Prakrit Sikhe Part 01
Original Sutra AuthorN/A
AuthorVijaykastursuri, Vijayratnasensuri
PublisherDivya Sandesh Prakashan
Publication Year2013
Total Pages326
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size9 MB
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