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शब्दार्थ (पुंलिंग) अणत्य। = (अनर्थ) नुकसान, पच्चूस । (प्रत्यूष) प्रातःकाल , सुबह का अणट्ठ । हानि.
पच्चूह ) समय. आइच्च (आदित्य) सूर्य |पज्जाय (पर्याय) पर्याय, रूपान्तर, इंदियचोर (इन्द्रियचौर) इन्द्रियरूप अनुक्रम. चोर.
पाणाइवाय (प्राणातिपात) जीवहिंसा. उच्छाह = (उत्साह) उत्साह, आनन्द. पाउस (प्रावृष) वर्षाऋतु, चातुर्मास. काउसग्ग = (कायोत्सर्ग) काया का त्याग. भव (भव) भव, संसार. खंध = (स्कन्ध) कन्धा.
भार (भार) भार, बोझा. खमासमण (क्षमाश्रमण) क्षमाप्रधान मुनि, मण (मनस्) मन. साधु.
मच्छर (मत्सर) ईर्ष्या, द्वेष. गुण = (गुण) गुण, सद्गुण. मअंक । (मृगाङ्क) चन्द्र. जक्ख (यक्ष) यक्ष.
मिअंक पंडिअ (पंडित) पंडित.
रिच्छ । (ऋक्ष) परोवयार (परोपकार) परोपकार. रिक्ख विसय (विषय) इन्द्रियों के शब्दादि वेज्ज (वैद्य) वैद, विषय.
सूर (शूर) शूर, पराक्रमी. वियार (विचार) विचार.
(नपुंसकलिंग) अच्चण (अर्चन) पूजा, पूजा करना. | वच्छल्ल (वात्सल्य) स्नेह, प्रेम, अच्छेर (आश्चर्य) विस्मय, चमत्कार. | वत्सलता. उज्जाण (उद्यान) बगीचा, उद्यान. | वक्खाण (व्याख्यान) प्रशंसा. घर (गृह) घर.
|वुड्डत्तण (वृद्धत्व) वृद्धावस्था, बुढ़ापा. चइत्त (चैत्य) जिनमन्दिर,
सच्च (सत्य) सत्य, यथार्थवचन. चेइअ जिनमूर्ति.
साहज्ज। (साहाय्य) मदद, सहायता चरणधण (चरणधन) चारित्ररूपीधन. | साहेज्ज झाण (ध्यान) ध्यान.
सामाइअ (सामायिक) सामायिक. नक्खत्त (नक्षत्र) नक्षत्र.
(पाप व्यापार का त्याग करके दो घड़ी मंस (मांस) मांस
समता में रहना). मांस
सुवण्ण (सुवर्ण) सोना. मज्ज (मद्य) मद्य, दारु, मदिरा.
| सिहर (शिखर) शिखर.. मत्थय (मस्तक) मस्तक
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