________________
तृतीय पुरुष होज्जइ होज्जन्ति, होज्जन्ते, होज्जइरे. होज्जाइ
होज्जान्ति, होज्जान्ते, होज्जाइरे. होज्जेइ होज्जेन्ति, होज्जेन्ते, होज्जेइरे. होज्जए होज्जिन्ति, होज्जिन्ते, होज्जिरे,
होज्ज, होज्जा | होज्ज, होज्जा 4. स्वरान्त धातुओं के पुरुषबोधक प्रत्ययों के पहले 'अ' प्रत्यय लगाने पर
बननेवाले रूप.
होअ + ज्ज = होएज्ज, होअ + ज्जा = होएज्जा. 5. होएज्ज • और होएज्जा अंग के रूप. | एकवचन
बहुवचन प्रथम पुरुष | होएज्जमि होएज्जमो, होएज्जमु, होएज्जम,
होएज्जामि होएज्जामो, होएज्जामु, होएज्जाम, होएज्जेमि होएज्जिमो, होएज्जिमु, होएज्जिम,
होएज्जेमो, होएज्जेमु, होएज्जेम, होएज्ज
होएज्ज, होएज्जा
होएज्जा. द्वितीय पुरुष | होएज्जसि, होएज्जह, होएज्जित्था ,
होएज्जासि, होएज्जाह, होएज्जेत्था, होएज्जेसि, | होएज्जेह, होएज्जइत्था, होएज्जसे,
होएज्जेइत्था,
होएज्जाइत्था. होएज्ज, होएज्जा | होएज्ज, होएज्जा. तृतीय पुरुष होएज्जइ, होएज्जन्ति, होएज्जन्ते, होएज्जइरे,
होएज्जाइ, होएज्जान्ति, होएज्जान्ते, होएज्जाइरे, होएज्जेइ, होएज्जेन्ति, होएज्जेन्ते, होएज्जेइरे, होएज्जए, होएज्जिन्ति, होएज्जिन्ते, होएज्जिरे, होएज्ज, होएज्जा. होएज्ज, होएज्जा.
इन रूपों का उपयोग प्राकृत साहित्य में अतिअल्प स्थान में दिखाई देता है।
- २४