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द्वि संख्यावाची शब्दों के उपयोगी तैयार रूप प्र. द्वि. विभ. बहुवचन दुवे, दोण्णि, दुण्णि.
वेण्णि , विपिण, दो , वे-बे. (द्वि- द्वौ) दो.
जाण धातु के रूप
एकवचन । बहुवचन प्रथम पुरुष जाणमि, जाणमो, जाणमु, जाणम
जाणामि,
जाणामो, जाणामु, जाणाम
जाणिमो, जाणिम्, जाणिम जाणेमि,
जाणेमो, जाणेम्, जाणेम द्वितीय पुरुष जाणसि, जाणह, जाणित्या
जाणेसि, जाणेह, जाणेत्था जाणसे.
जाणइत्था
जाणेइत्था तृतीय पुरुष जाणइ. जाणन्ति, जाणन्ते, जाणिरे
जाणेइ, जाणेन्ति, जाणेन्ते, जाणेइरे जाणए. जाणिन्ति, जाणिन्ते, जाणइरे, जाणेरे
धातु . अस् (अस्) होना.
| बंध् (बन्ध) बाँधना, बन्धन करना अप्प् (अप) अर्पण करना, भेंट देना. बाह (बाध) पीड़ा देना, दुःख देना. अच्छ (आस्) बैठना.
|मुल्ल् । (भ्रंश) भ्रष्ट होना, भूल करना, उज्झ (उज्झ) त्याग करना, छोड़ना.चका गिरना चकना कृप्प (कृप्य) काप करना, क्रोध करना.रंज (रन) रंगना आसक्त होना चय (त्यज) त्याग करना, छोड़ देना.
|वंच (वअ) ठगना, धोखा देना. चिट्ट । (स्था-तिष्ठ) खड़ा रहना.
वच्च् (व्रज) जाना. थक्क । स्थिर रहना. . चोप्पड (म्रक्ष) स्निग्ध करना , चुपड़ना,
| वट्ट (वृत्-वर्त)वर्तन करना, होना. पोतना.
वंछ (वाञ्छ) वांछा करना, इच्छा वोसिर् (वि+उत्+सृज) त्याग करना,
करना. छोड़ना.
सह (सह) सहन करना. सन्नाम् (आ+दृ) आदर करना. साह (कथ्) कहना. सलह-सिलाह (श्लाघ्) श्लाघा करना, साह (साध्) साधना, सिद्ध करना. प्रशंसा करना.
सिन् (सिव्य) सीना.