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पर वि. (पर) अन्य, श्रेष्ठ, तत्पर पवासि-सु-पावासु पुं. (प्रवासिन्) परंपरा स्त्री. (परम्परा) परम्परा, मुसाफिर अनुक्रम, हार, प्रवाह ।
पविट्ठ वि. (प्रविष्ट) घुसा हुआ प्रवेश परक्कम-पराकम पुं. नपुं. (पराक्रम) किया हुआ बल, शक्ति, सामर्थ्य
पवित्तया स्त्री. (पवित्रता) पवित्रता, परदार पुं. नपुं. (परदार) परस्त्री पवित्रपना परदारा स्त्री. (परदार) परस्त्री पव्वज्जा स्त्री. (प्रव्रज्या) दीक्षा परप्पर-परुप्पर-परोप्पर वि. (परस्पर) पव्वय पुं. (पर्वत) पर्वत अन्योन्य, एक दूसरे को
पसत्त पुं. (प्रसक्त) प्रसक्त, आसक्त, परम वि. (परम) उत्कृष्ट, श्रेष्ठ चिपका हुआ परमपय नपुं. (परमपद) मोक्ष , उत्कृष्ट पसाय पुं. (प्रसाद) प्रसन्नता, खुशी, पद
दया, कृपा, मेहरबानी परलोयहिअ वि. (परलोकहित) परलोक पसु पुं. (पशु) पशु में हित करनेवाला
पहार पुं. (प्रहार) प्रहार पराभव पुं. (पराभव) पराभव, हार पहाव पुं. (प्रभाव) प्रभाव, शक्ति, जाना
सामर्थ्य परिक्खण नपुं. (परीक्षण) परीक्षा करना पहावग वि. (प्रभावक) प्रभावक, उन्नति परिच्चत्त-परिचत्त वि. (परित्यक्त) करनेवाला, प्रभावना करनेवाला । परित्याग करना , छोड़ देना पहिअ पुं. (पान्थ-पथिक) मुसाफिर परिणय वि. (परिणत) परिपक्व
पहु पुं. (प्रभु) प्रभु, स्वामी, परमेश्वर, परिणीय वि. (परिणीत) जिसका विवाह परमात्मा, मालिक, नायक हआ हो वह, विवाहित
पाइअ-पागय वि. (प्राकृत) प्राकृत भाषा, परिमाण नपुं. (परिमाण) मान, माप स्वाभाविक, नीच, साधारण परिसर पुं. (परिसर) समीप, नजदीक पाइयकब नपं. (प्राकृतकाव्य) प्राकृत परिसा स्त्री. (पर्षद्-परिषद्) सभा. काव्य पर्षद्, परिवार
पाइअवागरण न. (प्राकृत व्याकरण) परिहा स्त्री. (परिखा) खाई ।
प्राकृतव्वाकरण. परोवयार पुं. (परोपकार) परोपकार, पाउस पुं. (प्रावृष) वर्षाऋतु, चातुर्मास दूसरे की भलाई
पाढसाला स्त्री. (पाठशाला) पाठशाला पवण पुं. (पवन) पवन, वायु पाण पं. नपुं. (प्राण) इन्द्रिय वगैरह पवयण नपुं. (प्रवचन) आगम, दस प्राण (पू इन्द्रिय, 3 बल, श्वासोसिद्धान्त
श्वास आयुष्य)
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