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________________ प्राकृत-हिन्दी शब्दकोष अ अग्गला स्त्री (अर्गला) आगल, अइसय पुं. (अतिशय), अतिशय, किवाड़ बन्द करने की महिमा, प्रभाव लकड़ी, बेड़ी अईव अ. (अतीव) अत्यंत अगार नपुं. (अगार) घर अउअ-अजुअ नपुं. (अयुत) दस अग्गि पुं. (अग्नि) अग्नि हजार, संख्या विशेष अच्चण नपुं. (अर्चन) पूजा अउज्झा स्त्री. (अयोध्या) अयोध्या. अच्चणा स्त्री. (अर्चना) पूजा नगरी. अच्चत्थ वि. (अत्यर्थ) अतिशय, अओ-अतो अ. (अतः) इस कारण ज्यादा से, इससे, इसलिए अच्चंत पुं. (अत्यन्त) अत्यधिक, अंग नपुं.(अङ्ग) अवयव, बहुत, हद से ज्यादा आचारांगादि बारह अंग अच्चय पुं. (अत्यय) विनाश, अंगण नपुं. (आङ्गण)-आँगन , चौक मरण, विपरीत आचरण अंगार-ल-इंगार-ल पुं. (अङ्गार) अच्चा स्त्री. (अर्चा) पूजा, सत्कार अंगार, कोयला अच्छि पुं. नपुं. (अक्षि) आँख अंगुली स्त्री. (अङ्गुली) उंगली अच्छेर नपुं. (आश्चर्य) विस्मय, अंजण नपुं. (अञ्जन) काजल, चमत्कार आँख में अंजन करने का सुरमा अजसघोसणा (अयशोघोषणा) अंत-अंतो अ-(अन्तर) अन्दर, अपयश की घोषणा अन्ध-अंध वि. (अन्ध) अन्धा अजिण्ण नपुं. (अजीर्ण) अजीर्ण, अंब पुं. (आम्र) आम्रवृक्ष , नपुं. अपचा आम्रफल अजीव पुं. (अजीव) अजीव अंसु नपुं. (अश्रु) आँसू अज्झ अ.(अद्य) आज अकाल पुं. (अकाल) बेमौका, अज्झयण नपुं. (अध्ययन) अयोग्य अवसर, अकाल अध्ययन अक्क पुं. (अर्क) सूर्य अज्झाय पुं. (अध्याय) ग्रन्थ का अग्ग नपुं. (अग्र) आगे, शिखर. अमुक भाग, पठन, अधिकार विशेष अग्गओ अ. (अग्रतः) अग्र, अट्ठ-अत्थ पुं. नपुं. (अर्थ) धन, वस्तु, पहला, सामने पदार्थ, प्रयोजन, तात्पर्य, विषय -२४३ - बीच में
SR No.023125
Book TitleAao Prakrit Sikhe Part 01
Original Sutra AuthorN/A
AuthorVijaykastursuri, Vijayratnasensuri
PublisherDivya Sandesh Prakashan
Publication Year2013
Total Pages326
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size9 MB
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