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चइत्त (चैत्र) = चैत्र महीना भरह (भरत) = भरतक्षेत्र, श्री ऋषभदेव चक्कवट्टि (चक्रवर्तिन) = चक्रवर्ती, छह का प्रथम पुत्र खण्ड का अधिपति
मसल (भ्रमर) = भौंरा चंपअ (चम्पक) = चम्पा का वृक्ष मणपज्जव (मनःपर्यव) = चतुर्थज्ञान छेयगंथ (छेदग्रन्थ) = निशीथादि छह | (दूसरों के मन के भावों को बतानेवाला सूत्र
|ज्ञान) जंबुदीव । जंबूद्वीप = द्वीप का नाम, लिंब (निंब) = नींबू का वृक्ष जंबूदीव । जंबूद्वीप
लोगंतिअ (लोकान्तिक) = देवविशेष जणवय (जनपद) = देश, जनस्थान लोगवाल । (लोकपाल) = इन्द्र का निगम (निगम) = व्यापार का स्थान, लोगपाल । दिक्पाल व्यापारियों का समूह
वारियर (वारिचर) = जलचर, मत्स्य निहि (निधि) = खजाना, भण्डार, वासहर (वर्षधर) = पर्वत विशेष चक्रवर्ती राजा की संपत्ति विशेष वियार (विकार) = विकार पयंग (पतङ्ग) = पतंगा, तितली सउण (शकुन) = पक्षी
हय (हय) = घोड़ा
नपुंसकलिंग अंग (अङ्ग) आचारांगादि बारह अंग, निव्वाण (निर्वाण) = मोक्ष शरीर, शरीर के अवयव पज्जवसाण (पर्यवसान) = अन्त, अंब (आम्र) = आम्रफल
अवसान, किनारा अणिअ (अनीक) = सैन्य |पाइअ (प्राकृत) = प्राकृतभाषा अणुओगदार (अनुयोगद्वार) = मूलसुत्त (मूलसूत्र) = सूत्र विशेष सूत्रविशेष, एक आगम का नाम, रूअ (रुत) = शब्द, आवाज अनुयोगद्वार सूत्र
सिप्प (शिल्प) = चित्रकला आदि कला, आउह (आयुध) = शस्त्र
| कारीगरी गुणट्ठाण (गुणस्थान) = गुणों का स्थान, हत्यिणाउर (हस्तिनापुर) नगर का मिथ्यादृष्टि आदि चौदह गुणस्थान नाम, हस्तिनापुर नंदिसुत्त (नन्दीसूत्र) = नन्दीसूत्र , सूत्र का नाम, जिसमें पाँच ज्ञानों का स्वरूप है
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