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यडन्त
चिकित्सति | चिइच्छड चिकित्सा (औषध) करता है। | तितिक्षते |तितिक्खइ सहन करता है। तितिक्खमाण । वर्त.कृ.
तिइक्खमाण । लालप्यते | लालप्पइ | बकवास करता है। लालप्पमाण वर्त. कृ. चक्रम्यते चंकम्मइ बहुत चलता है। चंकम्मंत । वर्त. कृ.
चंकम्ममाण , वर्त. कृ. यङ्लुगन्त | चङ्क्रमीति | चंकमइ । बार-बार चलता है। चंकमंत, । वर्त.
चंकममाण , कृ. चंकमिउं हे. कृ. चंकमियव्व - वि. कृ.
चंकमिअ - भूत कृ. नामधातु | दमदमायते| दमदमाइ ।। आडम्बर करता है।
दमदमाअइ । गुरुकायते गुरुआइ । | गुरु के समान आचरण
गुरुआअइJ | करता है। लोहितायते लोहिआइ । लाल होता है।
लोहिआअइ अमरायते
अमराइ । | अमर के समान आचरण अमराअइ
करता है। 13. स्याद-भव्य-चैत्य, चौर्य और उनके जैसे शब्दों में संयुक्त 'य' व्यंजन
के पूर्व इ रखी जाती है। उदा. सिया (स्याद्) चेइअं (चैत्यम्) थेरिअं (स्थैर्यम्)
सियावाओ (स्याद्वादः) चोरिअं (चौर्यम्) वीरिअं (वीर्यम्) भविओ (भव्यः)
___ शब्दार्थ (पुंलिंग) कुमरवाल । (कुमारपाल) कुमारपाल | मउड (मुगुट) मुगट कुमारवाल , राजा
संपइनरिंद (सम्प्रतिनरेन्द्र) संप्रतिराजा तवस्सि (तपस्विन्) तपस्वी समणोवासय (श्रमणोपासक) श्रावक नट्टअ (नर्तक) नट
सब्भाव (सद्भाव) अच्छा भाव, सत्ता, पयत्थ (पदार्थ) पदार्थ, वस्तु, पद का | विद्यमान
सिद्धराय (सिद्धराज) राजा का नाम,
सिद्धराज -१८८
अर्थ