SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 167
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ संस्कृत कृदन्त से प्राकृत नियमानुसार परिवर्तन होकर बनते कृदन्त उक्किट्ठे (उत्कृष्टम् ) श्रेष्ट कडं ) (कृतम्) किया हुआ } कयं गयं (गतम्) गया हुआ हुआ, कहा हुआ चत्तं (त्यक्तम्) त्याग किया हुआ दिट्ठ (दृष्टम्) देखा हुआ सिद्धं (सृष्टम्) त्याग किया हुआ, रखा हुआ, अलग मिट्ठे (मृष्टम् ) मधुर, साफ, स्वच्छ वट्टं (वृतम्) बना हुआ संवुअं (संवृतम्:) ढका हुआ, छुपाया हुआ सुयं (श्रुतम् ) सुना हुआ हयं (हतम्) मारा हुआ धत्थं (ध्वस्तं) नष्ट हुआ, गिरा हुआ हिअं (हृतम्) हरण किया हुआ उपयोगी अनियमित कर्मणि भूतकृदन्त (स्तम्) दुःखी, पीड़ित अप्फुण्णो ( आक्रान्तः) दुःखी, आढत्तो आरद्धो नयं (नतम् ) नम्र, नमा, झुका हुआ । निब्बुओ (निर्वृतः) शान्त हुआ पण्णत्तं (प्रज्ञप्तम्) प्रतिपादन किया तत्थं दबाया हुआ तठ्ठे } (आरब्ध) प्रारम्भ किया हुआ हित्यंं दक्को (दंष्टः) डंक दिया हुआ दट्ठो दड्डो (( दग्धः) जलाया हुआ दद्धो }(दग्धः) उक्कोसं (उत्कृष्टम्) श्रेष्ठ किलिन्नो (क्लिन्नः) गीला, भीगा हुआ खित्तं (क्षिप्तम्) दूर किया हुआ गिलाणं (ग्लानम्) रोगी गुत्तो (गुप्तः) छुपाया हुआ, चक्खिअं (आस्वादितम्) चखा हुआ छित्तं (स्पृष्टम्) स्पर्श किया हुआ छूढं (क्षिप्तम्) फेंका हुआ लुक्को छिक्को ) (छुप्तः) स्पर्श किया हुआ लुग्गो } छुत्तो जढं (त्यक्तम्) त्याग किया हुआ झोसिअं (क्षिप्तम्) फेंका हुआ ठड्डो (स्तब्धः ) अभिमानी, अक्कड़ दिण्णं (दत्तम्) दिया हुआ दुद्धं (दुग्धम् ) दोहा हुआ निच्छूढं (उद्वृत्तम्) बाहर निकाला हुआ, ऊपर फेंका हुआ (रुग्णः) = रोगी | ल्हिक्को (नष्टः) = भागा हुआ नष्ट हुआ | विढत्तं (अर्जितम् ) = पैदा किया हुआ वोलीणो (अतिक्रान्त) = उल्लंघन किया हुआ 988
SR No.023125
Book TitleAao Prakrit Sikhe Part 01
Original Sutra AuthorN/A
AuthorVijaykastursuri, Vijayratnasensuri
PublisherDivya Sandesh Prakashan
Publication Year2013
Total Pages326
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size9 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy