SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 156
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ वर्तमानकाल तृतीय पु. एकवचन होईअइ, होईएइ, होइज्जइ, होइज्जेइ इस प्रकार सभी रूप जानने चाहिए । सर्वपुरुष । होईएज्ज, होईएज्जा सर्ववचन । होइज्जेज्ज, होइज्जेज्जा भूतकाल सर्वपुरुष , होईअसी, होईअही, होईअहीअ सर्ववचन / होइज्जसी, होइज्जही, होइज्जहीअ आर्ष मेंसर्वपुरुष-सर्ववचन- होईइत्था, होईइंसु, होइज्जित्था, होइज्जिसु परोक्षभूत + अद्यतन भूतकाल सर्वपुरुष-सर्ववचन - होसी, होही, होहीअ आर्ष में - होत्था, हविंसु – कर्तरिवत् विधि - आज्ञार्थ तृतीय पु. एकवचन - होईअउ, होईएउ, होइज्जउ, होइज्जेउ आदि । सर्वपुरुष होईएज्ज, होईएज्जा सर्ववचन होइज्जेज्ज, होइज्जेज्जा, होईएज्जइ, होईएज्जाइ होइज्जेज्जइ, होइज्जेज्जाइ भविष्यकाल तृतीय पुरुष एकवचन - * होहिइ, होहिए – कर्तरिवत् क्रियातिपत्ति एकवचन बहुवचन पुंलिंग होन्तो, हुन्तो होन्ता, हुन्ता स्त्रीलिंग होन्ती, हुन्ती होन्तीओ, हुन्तीओ नपुंसकलिंग । होन्तं, हन्तं । होन्ताई, हुन्ताई __आदि कर्तरिवत् * षड्भाषा चन्द्रिका में होईइहिइ, होईएहिइ, होइज्जिहिइ, होइज्जेहिइ, होईइहिज्जज्जा, होईएहिज्ज-ज्जा, होइज्जिहिज्ज-ज्जा, होइज्जेहिज्ज-ज्जा आदि प्रयोग भी दिखाई देते हैं। + षड्भाषा में होईअन्तं, होइज्जन्तं, होईएज्ज-ज्जा, होइज्जेज्जा-ज्जा आदि प्रयोग भी दिखाई देते हैं। -१३३
SR No.023125
Book TitleAao Prakrit Sikhe Part 01
Original Sutra AuthorN/A
AuthorVijaykastursuri, Vijayratnasensuri
PublisherDivya Sandesh Prakashan
Publication Year2013
Total Pages326
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size9 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy