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आओ संस्कृत सीखें
अश् = खाना
क्लिश् = क्लेश करना गूंथना
ग्रन्थ् =
पुष् = पोषण करना
बन्ध् = बाँधना
मन्थ्
= मथना
मुष्
चोरी करना
मृद् = मर्दन करना
=
क्षुभ्
= क्षुब्ध होना
ज्ञा (जा) = जानना
अनु + ज्ञा (जा) = अनुज्ञा देना (परस्मैपदी) प्रत्यभि+ज्ञा = पहिचानना (परस्मैपदी )
ली = चाटना
कॄ = हिंसा करना
शृ = हिंसा करना
अङ्क = गोद
अमर = देव
कृतान्त = यम
हाथी
पद्मप्रभ = छठे तीर्थंकर
=
भासुरक एक नाम लेश = थोड़ा
विकल्प = विचार
नाग =
=
फल
विपाक वृत्तांत = चरित्र
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नौवें गण के धातु
= पालन करना
(परस्मैपदी) | पृ (परस्मैपदी) दृ = फाड़ना (परस्मैपदी) जृ = बूढ़ा होना
( परस्मैपदी) गृ = बोलना
( परस्मैपदी) ज्या (जी) = हीन होना ( परस्मैपदी)
(परस्मैपदी) क्री = खरीदना
(उभयपदी)
( परस्मैपदी )
(उभयपदी)
( परस्मैपदी)
(उभयपदी)
( परस्मैपदी)
(उभयपदी)
( परस्मैपदी)
(उभयपदी)
(उभयपदी)
(उभयपदी)
(उभयपदी)
(उभयपदी)
ग्रह = ग्रहण करना
मी = हिंसा करना
श्री
पू = पवित्र करना
लू = काटना
धू = हिलाना
= पकाना
( परस्मैपदी)
= ढकना
स्तृ (परस्मैपदी) वॄ = पसंद करना
(परस्मैपदी)
शब्दार्थ
(पुंलिंग) | समवाय = संबंध (पुंलिंग) सूत = सारथी
(पुंलिंग) बहिस् = बाहर (पुंलिंग) यावत् = जब तक
(पुंलिंग) अपि = भी
(पुंलिंग) (पुंलिंग) कान्ता = पत्नी (पुंलिंग) तुम्बी = तुंबडी
स्त्री
जाने = जानता हूँ
(परस्मैपदी)
(परस्मैपदी)
(परस्मैपदी)
(परस्मैपदी)
=
(पुंलिंग) अङ्गना (पुंलिंग) रज्जु = डोरी
(पुंलिंग)
(पुंलिंग)
(अव्यय)
(अव्यय)
(अव्यय)
(अव्यय)
(स्त्रीलिंग)
(स्त्रीलिंग)
(स्त्रीलिंग)
(स्त्रीलिंग)