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________________ आओ संस्कृत सीखें 13101 घर में हैं उसके घर में प्रत्यक्ष धर्म का प्रभाव दिखता है। 9. पाँच वर्ष तक पालन करना, दश वर्ष तक ताड़न करना, लेकिन सोलहवाँ वर्ष होने पर पुत्र को मित्र की तरह गिनना चाहिए । 10. सोलह विद्या देवियाँ आपका नित्य रक्षण करें । 11. चौबीस तीर्थंकर भगवंत मुझ पर प्रसन्न हों। 12. सभी देवो से पूजित एकसो सित्तर जिनेश्वरों को मैं वन्दन करता हूँ। 13. इस दिन से बासठवें दिन राजा जरूर आयेंगे। 14. वास्तव में बारहवें चंद्र में पुष्य नक्षत्र सभी अर्थ का साधक होता है। 15. सो रुपये वाला हजार रुपये की इच्छा करता है, हजार वाला करोड़ की इच्छा करता है, करोड़ वाला राजा बनने की इच्छा करता है और राजा भी वास्तव में चक्रवर्ती बनने की इच्छा करता है । 16. विक्रम के इस 2007 वर्ष में, निर्वाण प्राप्त भगवान महावीर को दो हजार चार सौ सित्तर वर्ष हुए। हिन्दी का संस्कृत में अनुवाद 1. अस्य नृपस्य सैन्यमस्य नृपस्य विशांशस्यापि नास्ति । 2. अस्माद्दिनात्षष्ठे सप्तमे वा दिने स तव नगरे समेष्यति । 3. सकृद् द्विर्न किन्तु शतकृत्व ऋजुकृतं शुनो लाङ्गुलमृजु न तिष्ठति । त्रिषष्टि-शलाका-पुरुषचरितस्य दश पर्वाणि सन्ति तेषां चत्वारि पवाण्यहमध्यैयि। चतुर्विशतिस्तीर्थंकरा द्वादश चक्रवर्तिनो नव बलदेवा नव वासुदेवा नव प्रतिवासुदेवाश्चेति सर्वे मिलित्वा त्रिषष्टिः शलाका-पुरुषा एकस्यामवसर्पिण्या-मेकस्याञ्चोत्सर्पिण्यां भवन्ति । स्त्रियाः चतुःषष्टिःकलाः पुरुषस्य य द्वासप्ततिः कलाः सन्ति । 7. चैत्रमासस्य शुक्लपक्षस्य त्रयोदश्यां भगवतो महावीरस्य जन्माभवत्। 8. अयं पाठः कतिथोस्ति? इमं पाठं त्वं कतिकृत्व अध्यैथाः? 9. एतस्याचार्यस्य गच्छे अष्टशतं साधवः सन्ति । . 10. सप्तविशे वर्षेऽहं तं मोक्ष्यामि । 11. प्रायः द्वयशीतिं दिनानि सोऽत्र स्थास्यति । 12. भगवान्महावीरो द्विसप्ततितमे वर्षे मोक्षं गतवान् । 6
SR No.023124
Book TitleAao Sanskrit Sikhe Part 02
Original Sutra AuthorN/A
AuthorShivlal Nemchand Shah, Vijayratnasensuri
PublisherDivya Sandesh Prakashan
Publication Year2011
Total Pages366
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size9 MB
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