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________________ आओ संस्कृत सीखें 12. भ्रू शब्द के ऊ का स्वरादि प्रत्ययों पर उव् होता है । उदा. भ्रूः भ्रुवौ भ्रुवः आदि 1. भूः 2. भुवम् 3. भुवा 4. भुवै, वे 5. 6. 7. भुवाः, वः भुवा:, वः भुवाम्, भुवि आकर = खान कट = चटाई कमठ = एक तापस कर = हाथ कार = निश्चय 145 धरणेन्द्र = इन्द्र का नाम निर्वेद = कंटाला भू स्त्रीलिंग के रूप भुवौ भुवौ भूभ्याम् भूभ्याम् भूभ्याम् भुवोः भुवोः भुवः भुवः भूभिः भूभ्यः भूभ्यः भुवाम्, भूनाम् भूषु शब्दार्थ (पुंलिंग) | सोम = चंद्र (पुंलिंग) सोमपा = याज्ञिक (पुंलिंग) संगर = युद्ध (पुंलिंग) स्वयंभू = ब्रह्मा (पुंलिंग) केलि = क्रीडा (पुंलिंग) छिद् = छेद, नाश धी = बुद्धि (पुंलिंग) (पुंलिंग) (पुंलिंग) (पुंलिंग) (स्त्रीलिंग) कारभू = दलाल (स्त्रीलिंग) खलपू=कचरा साफ करनेवाला (पुंलिंग) (स्त्रीलिंग) पुनर्भू = दूसरी बार विवाहिता स्त्री (स्त्रीलिंग) (पुंलिंग) (पुंलिंग) भी = भय (स्त्रीलिंग) पार्श्वनाथ = तेबीसवे तीर्थंकर (पुंलिंग) भू = पृथ्वी (स्त्रीलिंग) प्रतिभू = साक्षी (पुंलिंग) भ्रू = भ्रमर (स्त्रीलिंग) भङ्ग = नाश भोग = साप की फणा भोगिन् = सांप (पुंलिंग) सहचरी = साथ में रहनेवाली (स्त्रीलिंग) (पुंलिंग) अस्त्र = बाण (पुंलिंग) खल = कचरा मनोभू = काम (पुंलिंग) उपज्ञ = पहले कहा हुआ (विशेषण) विश्वपा=विश्वका रक्षण करनेवाला (पुं.) खलपू = कचरा निकालनेवाला (विशेषण) वर्षाभू = मेंढक (पुंलिंग) ग्रामणी = गांव का नायक (विशेषण) ( नपुं. लिंग) ( नपुं. लिंग)
SR No.023124
Book TitleAao Sanskrit Sikhe Part 02
Original Sutra AuthorN/A
AuthorShivlal Nemchand Shah, Vijayratnasensuri
PublisherDivya Sandesh Prakashan
Publication Year2011
Total Pages366
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size9 MB
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