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________________ आओ संस्कृत सीखें 1115 पन्थाः पथिषु 7. ई (ङी) और स्वरादि अधुट् प्रत्ययों पर पथिन् मथिन् और ऋभुक्षिन् के इन् का लोप होता है । उदा. शोभनः पन्था यस्याः सा सुपथिन् + ई = सुपथी स्त्री । पथः। मथः। ऋभुक्षः । पथिन के रूप पन्थानौ पन्थान: पन्थानम् पन्थानौ पथ: 3 पथा पथिभ्याम् पथिभिः पथे पथिभ्याम् पथिभ्यः पथः पथिभ्याम् पथिभ्यः पथ: पथोः पथाम् पथि पथो: संबोधन पन्थाः पन्थानौ पन्थानः ऋभुक्षिन् के रूप ऋभुक्षाः ऋभुक्षाणौ ऋभुक्षाण: ऋभुक्षाणम् ऋभुक्षाणौ ऋभुक्षः ऋभुक्षा ऋभुक्षिभ्याम् ऋभुक्षिभिः 4 ऋभुक्षे ऋभुक्षिभ्याम् ऋभुक्षिभ्यः 5 ऋभुक्षः ऋभुक्षिभ्याम् ऋभुक्षिभ्यः 6 ऋभुक्षः ऋभुक्षोः ऋभुक्षाम् 7 ऋभुक्षि ऋभुक्षोः ऋभुक्षिषु संबोधन ऋभुक्षाः ऋभुक्षाणौ ऋभुक्षाण: प् कारांत नाम 8. धुट् प्रत्ययों पर अप् का स्वर दीर्घ होता है । 9. भ् से प्रारंभ होनेवाले प्रत्ययों पर अप् का अद् होता है । 10. अप् का प्रयोग बहुवचन में होता है । .
SR No.023124
Book TitleAao Sanskrit Sikhe Part 02
Original Sutra AuthorN/A
AuthorShivlal Nemchand Shah, Vijayratnasensuri
PublisherDivya Sandesh Prakashan
Publication Year2011
Total Pages366
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size9 MB
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