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________________ आओ संस्कृत सीखें 186 ..आज्ञार्थ जुहवानि जुहवाव जुहवाम जुहुधि जुहुतम् जुहुत जुहोतु जुहताम् जुह्वतु 7. द्वित्व होने के बाद पूर्व का स्वर ह्रस्व होता है । उदा. हा + ति हाहा + ति, हहाति, जहाति 8. अवित् शित् प्रत्ययों पर व्युक्त धातुओं के आ का लोप होता है । उदा. जहा + अति = जहति 9. व्यंजन से प्रारंभ होने वाले अवित् शित् प्रत्ययों पर व्युक्त धातुओं के आ का ई होता हैं । परंतु दा संज्ञावाले धातुओं के आ का ई नहीं होता है । उदा. जहा + तस् = जहीत: 10. 'हा'-त्याग करना, धातु के आ का व्यंजन से प्रारंभ होनेवाले अवित् शित् प्रत्ययों पर ह्रस्व इ भी होता है । उदा. जहितः, जहीतः । 11. हि प्रत्यय पर हा-त्याग करना धातु के आ का आ और इ विकल्प से होता है। उदा. जहाहि, जहिहि, जहीहि । हा धातु के रुप वर्तमाना जहामि जहिवः, जहीवः जहिमः, जहीमः जहिथः, जहीथः जहिथ, जहीथ जहाति जहितः, जहीतः जहति _ ह्यस्तनी अजहाम् अजहिव-अजहीव अजहिम-अजहीम अजहा: अजहितम्-अजहीतम् अजहित-अजहीत अजहात् अजहिताम्-अजहीताम् जहासि अजहुः
SR No.023124
Book TitleAao Sanskrit Sikhe Part 02
Original Sutra AuthorN/A
AuthorShivlal Nemchand Shah, Vijayratnasensuri
PublisherDivya Sandesh Prakashan
Publication Year2011
Total Pages366
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size9 MB
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