________________
आओ संस्कृत सीखें
974
चतुर्थी
तृतीया त्रिभिः
त्रिभ्यः पंचमी त्रिभ्यः षष्ठी
त्रयाणाम् । सप्तमी । त्रिषु 7. र् के बाद र् आए तो पूर्व के र् का लोप होता है, उसके पहले रहे अ, इ
तथा उ स्वर दीर्घ होते हैं । उदा. 1. पुनर् + रिपुः
पुना रिपुः 2. इन्दुर् + राजते = इन्दू राजते इकारांत-उकारांत नपुंसक नाम
प्रत्यय | 0 | ई द्वितीया | 0 | ई । इ ।
शेष पुंलिंग अनुसार नाम्यंत नपुंसक नामों के स्वरादि प्रत्ययों के पहले 'न' जोड़ जाता है । तथा आम् का नाम् आदेश होता है | वारि + ई वारि + न + ई = वारिणी मधु + ई
मधु + न + ई = मधुनी 9. संबोधन एक वचन में नाम्यंत नपुंसक नामों के अंत्य स्वर का विकल्प से गुण होता है ।
वारि ! वारे ! मधु ! मधो !
प्रथमा
to