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आओ संस्कृत सीखें
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4. दुष्टों का निग्रह और साधु का रक्षण करना राजाओं के लिए योग्य है ।
5. लोक में चंदन शीतल है, चन्दन से भी चन्द्रमा शीतल है, इन दोनों से भी साधु की संगत
ज्यादा शीतल मानी गयी है ।
6.
उस गाँव में यश जिसका धन है, ऐसा धन नाम का सार्थवाह था, जैसे सागर नदियों का उसी तरह, वह संपत्तियों का एक स्थान था |
पाठ-38
हिन्दी का संस्कृत अनुवाद
1. सीतात्मनो ननान्दुः शान्तायाः पादयोरपतत् ।
2. योषितां जामाता वल्लभोऽस्ति ।
3. अभिमन्यो र्मातु र्नाम सुभद्राऽऽसीत् ।
हे देवरेष हरिणः शोभनतमोऽस्ति ।
4.
5. एषां वैद्यानामौषधानि रोगस्यापहर्तृणि सन्ति ।
6.
7.
8.
जना नावा समुद्रे तरन्ति ।
9. इयं मम स्वसुः श्वश्रूरस्ति ।
अस्य दातू राज्ञो राज्ञ्योऽपि दात्र्य आसन् ।
मम भर्तर्येकोऽपि दोषो नास्ति ।
संस्कृत का हिन्दी अनुवाद
1. सच्ची या झूठी मनुष्य की कीर्ति जयवाली होती है ।
2.
सास के दुःख में बेटी को पिता का घर शरण है ।
3.
रे चित्त ! क्यों भाई ! पिशाच की तरह दौड़ता है ।
4.
स्वयं से प्रसिद्ध हुए उत्तम, पिता से प्रसिद्ध हुए मध्यम, मामा से प्रसिद्ध हुए अधम और श्वसुर से प्रसिद्ध हुए अधम में अधम गिने जाते हैं ।
5. मित्र, स्वजन, पुत्र, भाई, माता-पिता भी, भाग्य प्रतिकूल होने पर स्वजन को छोड़ देते हैं ।
6. लोभी मनुष्य दरिद्रपने की शंका से पैसे को नहीं देता है । और सचमुच दाता उसी शंका से पैसे दे देता है ।