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आओ संस्कृत सीखें
2167318. गुण को पूछो, रूप को नहीं, शील और कुल को पूछो, धन को नहीं ! 19. समय पर बहुत पानी द्वारा वर्षा हो । 20. हे युधिष्ठिर ! दरिद्र मनुष्यों का पोषण करो, समर्थ को धन मत दो । 21. रोगी को दवाई हितकर है, नीरोगी को दवाई से क्या ? .
पाठ-32
हिन्दी का संस्कृत अनुवाद 1. उत्तमजना धर्मं न परित्यजन्ति । 2. नदीतीरे वृक्षाः सन्ति । 3. गृहद्वारे स तिष्ठति । 4. देवगुरू पूज्यौ स्तः । 5. गजाश्वबलीवर्दा जलं पीत्वा अगच्छन् । 6. पण्डितानां सभामध्ये-ऽपण्डिता मौनं भजेयुः । 7. सुखदुःखे आगच्छतो गच्छतश्च ।
संस्कृत का हिन्दी अनुवाद 1. विनय में शिष्य की परीक्षा होती है । 2. भगवान का दर्शन निष्फल नहीं है । 3. दूसरों को दुःख देना (वह) पाप के लिए होता है । 4. क्रोध अनर्थ (दुःख) का मूल है, क्रोध संसार का बंधन है । 5. स्वप्न में भी साधु अपने देह का सुख नहीं चाहते हैं | 6. हंस सफेद, बगला सफेद, (तो) बगले और हंस में फर्क क्या ? पानी और दूध को
अलग करने में सचमुच हंस हंस है और बगला-बगला है | 7. विदेश में विद्या धन है, संकट में बुद्धि धन है, परलोक में धर्म धन है,
और सब जगह शील धन है । 8. कौआ कौओं को बुलाता है, पर याचक याचक को नहीं बुलाता, कौआ
और याचक में कौआ अच्छा, मगर याचक नहीं ।