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________________ 86 आओ संस्कृत सीखें वर्तमान कृदन्त के रूप 4. अत् (शतृ) प्रत्ययान्त वर्तमान कृदन्त के प्रत्यय व्यंजनांत नामों के अनुसार 5. वर्तमान कृदन्त का अत् (शतृ) प्रत्यय, कर्तरि भूतकृदन्त का तवत् (क्तवतु) प्रत्यय, तद्धित का मत् (मतु) प्रत्यय, ईयस् (ईयसु) प्रत्यय, महत् (महत) विशेषण और भवत् (भवतु) सर्वनाम ये सभी नाम ऋ और उ ईत्वाले हैं। 6. पुंलिंग और स्त्रीलिंग में विभक्ति के पहले पाँच प्रत्यय घुट् कहलाते है । 7. नपुंसक लिंग प्रथमा-द्वितीया बहुवचन का इ प्रत्यय घुट् कहलाता है | घुट् प्रत्यय आने पर ऋ और उ इत् वाले नाम के अंतिम व्यंजन के पहले न लगता है । उदा. गच्छत् + 0 गच्छन्त् 9. पद के अंत में व्यंजन का संयोग हो तो संयोग के अंत्य व्यंजन का लोप होता है । उदा. गच्छन्त-गच्छन् । पुंलिंग के रूप | प्रथमा/सं. गच्छन् । गच्छन्तौ । गच्छन्तः | द्वितीया | गच्छन्तम् । गच्छन्तौ । गच्छतः | तृतीया । गच्छता गच्छद्भ्याम् | गच्छद्भिः चतुर्थी | गच्छते । गच्छद्भ्याम् | गच्छदभ्यः पंचमी | गच्छतः गच्छद्भ्याम् | गच्छद्भ्यः षष्ठी | गच्छतः । गच्छतोः गच्छताम् सप्तमी | गच्छति | गच्छतोः गच्छत्सु 10. ऋ और उ ईत्वाले नामों को स्त्रीलिंग में ई (ङी) प्रत्यय लगता है गच्छत् + ई 11. स्त्रीलिंग का ई प्रत्यय और नपुंसक लिंग द्विवचन का ई प्रत्यय लगने पर अ और य विकरण प्रत्यय के बाद रहे अत् प्रत्यय का अन्त होता है ।
SR No.023123
Book TitleAao Sanskrit Sikhe Part 01
Original Sutra AuthorN/A
AuthorShivlal Nemchand Shah, Vijayratnasensuri
PublisherDivya Sandesh Prakashan
Publication Year2011
Total Pages226
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size7 MB
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