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________________ भाम माम गाथा शत्रुञ्जय-माहात्म्य श्राद्ध-दिन-कृत्य श्राद्ध विधि श्राद्ध-जीतकम्प श्रीमाल पुराण षट्-त्रिशजल्प गाथा (पञ्चमसर्ग ६७) षष्टि-खतक १६, ६२, ६४, ६७ षष्टि-शतक-वृत्ति षोडशक सम्यक्तस्व वृत्ति सेन प्रश्न १२ संबोध प्रकरण नाम ४. मूल-वृत्ति-अवचूरिका-गत-ग्रन्थकारनाम माम गाथाङ्क श्री देवेन्द्रसूरि श्री घनेश्वरसूरि श्री हरिभद्रसूरि श्री प्रद्युम्नसूरि श्री हीरविजवसूरि श्री रत्नशेखरसूरि, (अव०) ३८, ३०-४० M गाथा (अव०) ४ -६० ६६ ५. विशेष-नाम-सूचि-संग्रह [ 'मूले-वृत्ति-स्थ' ] १२ २९-३० ४३ अणहिल्लपुर पाटण अनन्तवीर्य अयोध्या अनुद्भरा अन्धक-वृष्णि अयोध्या आभड आगम व्यवहार आज्ञा व्यवहार इन्दपुर ऋषभदत्त कपिल २९-३० १९-२० कुमारपाल २९-३० कुरुक्षेत्र २९-३. कुशस्थल २९-३० - कोशल २६ गजपुर २९-३० गर्दभिल्ल १२ गन्धिलावती ४९ गुणशील .. ४९ गौतम चन्द्र कला इन्द्रकुमार २९-३० चन्द्रपुर जरासन्ध ६७ जिनदत्त जिनदास ६७ जीत-व्यवहार ५० २९.-३० ५३ कर्मसार काबनपुर काल १२-६७ १९-५०-५९
SR No.023117
Book TitleDravya Saptatika Granth
Original Sutra AuthorN/A
AuthorLavanyavijay Gani, Nirupamsagar
PublisherJain Shwetambar Sangh Pedhi
Publication Year1968
Total Pages432
LanguageGujarati
ClassificationBook_Gujarati
File Size21 MB
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