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ग्रन्थनाम
व्यवहार भाष्य
व्यवहार भाष्य दशमद्देश
व्यवहार भाष्यादि षट्त्रिंशज्जरूप
शत्रुञ्जय माहात्म्य ५ सर्ग
२ सर्ग
"
"
99
""
श्राद्धजीत कल्प
33
नाम
""
श्राद्धजीत कल्प वृत्ति श्राद्धदिन कृत्य
अनेकार्थं
आगम
उपदेश पद
او
कल्पभाष्य
छेभाष्य
ज्ञानाऽर्णव
वर्शनशुद्धि
"
धर्मशास्त्र
धर्म संग्रह
,, - पंचाशकादि
ध्यानशतक ध्यानचतुष्पदी
निशियादि वृत्ति
वाशक
गाथाक
५०
३७
५९
-
-
प्रन्थमाम
५०.
४३
५६
५९
६७
संघ कुलक
५९- संघ कुलक
४६
१२
९
१०-११
गाथा
श्राद्ध विधि
श्राद्ध दिनकृत्य पञ्चाशक नामनिर्देश
[
] कोष्टके
भूल वृत्तिगत - नामनिर्देशर हित
ग्रन्थान्तरस्थानेक-त्रिशत् प्रायः
४
"
12
श्रावक प्रशप्ति - हरिभद्रसूरिकृत
७-१२
५०
४१-४२
६७
१४-१५
१९-२०
९
४
६७
६७
१०-११
सम्यक्त्व- कुलक
सम्यक्त्व प्रकरण
सम्यक्त्व वृत्ति
सुत्छेद भाष्यादौ
३. अवचूरिकास्थ- ग्रन्थनाम
नाम
प्रवचनसारोद्धार
संघाचारवृत्ति
संदेह - दोला- वली - वृत्ति
हैमवीर चरित्र
हैम वचन
बृहद्भाष्य भक्त परिज्ञा
"
भवभावना वृत्ति
भाष्यादि
महानिशीय
मेदिनी कोष
योगशास्त्र (हैम)
33
राज - प्रश्नी (रायपसेणीय)
रुद्र-कोष
ललित विस्तरा
वसुदेव हिडी
८-४५-४७
४८-४९-५४ व्यवहार शुद्धि प्रकाश
गाथाड
८
१२
५६
५०
५०
८
४२
३१-३३
३७
२
१९-२०
१२
४
गाथा
५०-६७
२, ८
४
१२
५०
५० २
४, ६७
४ 8
७
८, २९,
३८, ३९, ४०