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________________ करना और साथ ही वस्तुओं का भी त्याग करना। ऐसे ज्ञानपूर्वक त्याग से आविर्भूत निर्विकल्प बोध ही सच्ची निर्विकल्पता है। इसी का महत्त्व है। यही वास्तव में कल्याणकारी है। इसी में प्राणी का हित है। स्वसंवेदन एवं निर्विकल्पता जीव की अजीव से दो प्रमुख विशेषताएँ हैं-ज्ञान और दर्शन । ज्ञान दर्शनपूर्वक होता है। अतः जीव का मुख्य गुण दर्शन है। दर्शन का अर्थ है स्व- संवेदन। जिसमें संवेदन गुण है- वही चेतन है। दर्शन को प्राचीन ग्रंथों में कुछ विशेषणों से समझाया गया है, परिभाषित किया गया है यथा- 1. स्व-संवेदन 2. निर्विकल्प 3. निराकार 4. अविशेष-अभेद और 5. अनिर्वचनीय । इन सबका परस्पर घनिष्ठ-सम्बन्ध है। इनमें से अविशेष (सामान्य), अभेद, निराकार और निर्विकल्प समानार्थक हैं। अनिर्वचनीय इसीलिए कहा कि दर्शन को शब्दों से, वाणी से व्यक्त नहीं किया जा सकता। ये चारों विशेषण निषेधात्मक हैं। निषेधात्मक वर्णन अभाव को प्रकट करता है। अभाव से किसी वस्तु या तथ्य के अस्तित्व व स्वरूप का बोध नहीं हो सकता। अतः इन चारों विशेषणों से दर्शन क्या है, इसका ज्ञान नहीं होता है। विधिपरक विशेषण है- स्व-संवेदन और यही चेतना का मुख्य गुण है। निर्विकल्पता और स्व-संवेदन का अति घनिष्ठ सम्बन्ध है। निर्विकल्पता है- विकल्प का न उठना। विकल्प का कारण है संकल्प। जहाँ संकल्प है, वहीं विकल्प है। संकल्प का कारण राग है। जहाँ राग है, वहाँ राग की पूर्ति में बाधा पड़ने से द्वेष उत्पन्न होता है। अतः जहाँ राग है वहाँ द्वेष है। अनुकूलता को बनाये रखने की चाहना राग, प्रतिकूलता को हटाने की चाहना द्वेष है। अतः जहाँ हर्ष-विषाद है, हास्य-शोक है, रति-अरति है वहाँ राग-द्वेष है। __संकल्प-विकल्प, राग-द्वेष से परे होने का उपाय है- अनुकूलता में हर्ष या रति न करना, अनुकूलता का सुख न भोगना और प्रतिकूलता से दुःखी न होना अर्थात् अनुकूलता और प्रतिकूलता दोनों में समभाव से रहना। यही निर्विकल्पता है। आशय यह है कि जहाँ समभाव है-समता है, वहाँ ही निर्विकल्पता है। समता और निर्विकल्पता एक ही सिक्के के दो पहलू हैं। जहाँ निर्विकल्पता है वहाँ ही दर्शन है। दूसरे शब्दों में यह कहा दर्शनावरण कर्म
SR No.023113
Book TitleBandhtattva
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKanhiyalal Lodha
PublisherPrakrit Bharti Academy
Publication Year2010
Total Pages318
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size18 MB
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