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मकारादि या
परिशिष्टम्-३ ५४०. का० ह्रीघ्रात्रोन्दनुदविन्दां वा ४/६/११० वैकल्पिक नकारादेश समानता
पा० नुदविदोन्दत्राघ्राह्रीभ्यो० ८/२/५६ वैकल्पिक नकारादेश समानता ५४१. का० क्षैशुषिपचां मकवा:
४/६/१११ मकारादि आदेश समानता पा० शुषः कः, पचो वः, क्षायो मः ८/२/५१-५३
समानता ५४२. का० वा प्रस्त्यो मः
४/६/११२ मकारादेश
समानता पा० प्रस्त्योऽन्यतरस्याम् ८/२/५४ नकारादेश
समानता ५४३. का० निर्वाणोऽवाते
४/६/११३ निपातनविधि समानता पा० निर्वाणोऽवाते
८/२/५० निपातनविधि समानता ५४४. का० भित्तर्णवित्ताः शकलाध० ४/६/११४ निपातनविधि समानता पा० वित्तो भोग०, भित्तं शकलम्, ऋणमा० ८/२/५८-६० "
समानता ५४५. का० अनुपसर्गात् फुल्लक्षीब० ___४/६/११५ निपातनविधि समानता पा० अनुपसर्गात् फुल्लक्षीब० ८/२/५५ निपातनविधि
समानता ५४६. का० अवर्णादूटो वृद्धि:
४/६/११६ वृद्ध्यादेश
समानता पा० एत्येधत्यूठ्सु ६/१/८९ वृद्ध्यादेश
समानता
उत्कर्षादिबोधक सारिणी समानता विषमता | उत्कर्ष अपकर्ष | लाघव | गौरव सरलता दुरूहता वैशिष्ट्य हीनता | योग
कातन्त्र
व्याक
| ४२७ | १ | ४३ | १ । ५७ | २ | १२ | - |
३ | -
५४६
रण
पाणिनीय
४२३ | - | ३ | ४६ | ३ | ५५ | - | १३ | - | ३ ५४६
व्याक
रण
समाप्ता तुलनात्मकसूत्रसूची